सर्दियों में सब्जियों की भरमार रहती है। इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ मटर, मूली, शलजम और ताज़ी गाजर बाजार में खूब दिखाई देती हैं। खासकर गाजर, जिसे सर्दी का सुपर फूड माना जाता है, कुरकुरी बनावट और प्राकृतिक मिठास के कारण बेहद पसंद की जाती है। गाजर की कई किस्में पाई जाती हैं जैसे लाल गाजर (Red Carrot), काली गाजर (Black/Purple Carrot) और सफेद गाजर (White Carrot)।  इनमें से लाल गाजर का सेवन सबसे ज्यादा होता है, जबकि काली और सफेद गाजर भी अपने खास पोषक गुणों और हेल्थ बेनेफिट्स के लिए जानी जाती हैं।

हर किस्म की गाजर का रंग,स्वाद और न्यूट्रिशन अलग-अलग होता है, यही वजह है कि अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों की पसंद भी अलग-अलग होती है। सर्दियों में लोग ज्यादातर काली और लाल गाजर में से ही अपनी पसंद की गाजर चुनते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों तरह की गाजर के पोषक तत्व कौन-कौन से हैं और ये सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद है।

लाल गाजर की न्यूट्रिशन वैल्यू

लाल गाजर में बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो विटामिन A का प्रमुख स्रोत है। यह आंखों की रोशनी, इम्यूनिटी और स्किन की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन भी पाया जाता है, जो फ्री-रेडिकल्स से बचाता है और कई क्रॉनिक बीमारियों का खतरा कम करता है। लाल गाजर मीठी और मुलायम होती है। इसे सलाद, जूस, सूप और खासतौर पर गाजर का हलवा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका रंग और स्वाद हर रेसिपी को खास बनाता है।

काली गाजर की न्यूट्रिशन वैल्यू

हेल्थलाइन के मुताबिक काली गाजर एंथोसाइनिन से भरपूर होती है, जो इसके गहरे रंग का कारण है। एंथोसाइनिन एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर और हार्ट-प्रोटेक्टिव गुणों वाला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। काली गाजर में विटामिन C, फाइबर और पोटैशियम भी खूब पाया जाता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है। काली गाजर का स्वाद हल्का खट्टा और कम मीठा होता है। इसे आमतौर पर फर्मेंटेड ड्रिंक कांजी में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चटनी, अचार और नमकीन व्यंजनों में इसका स्वाद शानदार लगता है। यह नैचुरल फूड कलरिंग के रूप में भी काम आती है।

लाल गाजर के फायदे

लाल गाजर का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। ये गाजर बीटा-कैरोटीन और विटामिन A से भरपूर होती है जो इम्यूनिटी को मजबूत करती है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर गाजर का सेवन करने से स्किन की ड्राईनेस कंट्रोल रहती है। गाजर में मौजूद विटामिन A कम रोशनी में भी विजन को सपोर्ट करता है। इसका सेवन रोज करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। लाल गाजर पूरे भारत में सर्दियों में आसानी से उपलब्ध होती है।

काली गाजर के फायदे

काली गाजर प्रोबायोटिक्स का बढ़िया स्रोत है जिसका सेवन कांजी के रूप में किया जाए तो ये आंतों में गुड़ बैक्टीरिया को बढ़ाती है और गट हेल्थ में सुधार करती हैं। इसका सेवन करने से  इम्यूनिटी मजबूत होती है। रोज इस गाजर को खाएं तो सूजन कम होती है। इसमें एंथोसाइनिन शरीर की सूजन घटाता है और जोड़ों के दर्द में राहत देता है। इसका सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। ये गाजर ब्लड प्रेशर को बैलेंस करती है और खराब कोलेस्ट्रॉल घटाती है। काली गाजर सीमित क्षेत्रों में और कम मात्रा में मिलती है इसलिए इसका उपलब्धता सीमित है।

कौन सी गाजर सर्दियों में है सेहत के लिए बेस्ट?

अगर आप गाजर का सेवन उसके स्वाद और उसके पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर करना चाहते हैं तो आप लाल गाजर का सेवन करें। लाल गाजर विटामिन A और दूसरे पोषक तत्वों को हासिल करने के लिए बेस्ट है। बेहतर गट हेल्थ, सूजन कम करने और प्रोबायोटिक फायदे चाहते हैं तो काली गाजर बेस्ट है।

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