आंखों के आसपास सूजन या पफी आईज एक आम समस्या है, जो चेहरे को थका हुआ और बीमार जैसा दिखा सकती है। यह तब होती है जब आंखों की नाजुक त्वचा में तरल जमा हो जाता है। इसके कारण सूजन, डार्क सर्कल्स, लालिमा, जलन या भारीपन महसूस हो सकता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या अस्थायी होती है और सही देखभाल से इसे कम किया जा सकता है।

एक्सपर्ट के मुताबिक, पफी आईज ज्यादातर मामलों में अस्थायी होती है और साधारण होम रेमेडीज व लाइफस्टाइल बदलाव से कंट्रोल की जा सकती है, लेकिन अगर सूजन लगातार बनी रहे, दर्द या विजन में बदलाव हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सही पहचान और समय पर देखभाल से आप अपनी आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ और फ्रेश बनाए रख सकते हैं।

पफी आईज के लक्षण

आंखों के आसपास सूजन इसका सबसे बड़ा संकेत है, लेकिन इसके साथ कुछ और लक्षण भी दिख सकते हैं। जैसे आंखों में जलन या खुजली, डार्क सर्कल या काले घेरे, पलकों का ढीलापन या फैट डिपॉजिट, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, आंखों से पानी आना या लालिमा आदि। वहीं, अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे या दर्द, बुखार और रोशनी संबंधी समस्या हो, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

आंखों की सूजन के कारण

आंखों की त्वचा बेहद पतली होती है, इसलिए हल्की सी सूजन भी साफ दिखाई देती है। फ्लूइड रिटेंशन, इंफेक्शन या एलर्जी इसके आम कारण हैं। सेज जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, आंसू, सूजन, रक्त वाहिकाओं में जमाव या जलन के कारण तरल पदार्थ जमा हो सकता है। हालांकि, यह सूजन आमतौर पर हानिरहित होती है, लेकिन लगातार या गंभीर सूजन किसी अंतर्निहित चिकित्सा समस्या का संकेत हो सकती है।

क्रोनिक किडनी डिजीज

किडनी की खराबी से शरीर में अतिरिक्त पानी जमा हो सकता है। यह सूजन सबसे पहले आंखों के आसपास दिखती है। गुर्दे की समस्याओं के कारण शरीर में आंखों के आसपास भी तरल पदार्थ जमा हो सकता है। जब किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तो वे मूत्र में प्रोटीन छोड़ सकते हैं और अतिरिक्त पानी को रोक सकते हैं।

ऑर्बिटल सेलुलाइटिस

आंख के आसपास के ऊतकों को प्रभावित करता है, जिसका उपचार न किए जाने पर रोशनी या सेप्सिस की समस्या हो सकती है। आंख के आसपास बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, जिसका समय रहते इलाज या ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है।

रैबडोमायोसारकोमा

यह दुर्लभ कैंसर बच्चों में पाया जाता है, जो आंखों के पास ट्यूमर बनाकर सूजन और पलकें गिरने का कारण बन सकता है।

एलर्जी

एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाओं से हिस्टामाइन निकलता है। धूल, परागकण या कॉस्मेटिक एलर्जी के कारण हिस्टामिन रिलीज होता है, जिससे रक्त वाहिकाएं फैल कर सूजन और खुजली पैदा करती हैं।

ब्लेफेराइटिस

पलक की सूजन, जिसमें बैक्टीरिया के कारण पलक की जड़ों पर स्केलिंग हो सकती है।

पफी आईज कम करने के घरेलू उपाय

अधिकतर मामलों में सही देखभाल से आंखों की सूजन घटाई जा सकती है। ऐसे में ठंडी गीली कपड़ा, फ्रिज में रखी खीरे की स्लाइस या ग्रीन टी बैग्स सूजन कम करने में मदद करते हैं। कैफीन, कैमोमाइल या एलोवेरा युक्त आई क्रीम को फ्रिज में रखकर लगाने से ठंडक और सूजन में राहत मिलती है। इसके अलावा ये रोलर्स ब्लड सर्कुलेशन और लिम्फेटिक ड्रेनेज को बढ़ाकर सूजन कम करने में सहायक होते हैं। दिनभर पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर में डिहाइड्रेशन न हो।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।