चावल और पोहा दोनों ही अनाज है और भारत में दोनों का सेवन चाव से किया जाता है। भारत के दक्षिणी भाग में खासतौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में पोहा का सेवन खासतौर पर होता है। पोहा एक सुपाच्य भोजन है और जल्दी तैयार भी हो जाता है जिसका सेवन अक्सर लोग सुबह के नाश्ते में और दिन के खाने में करते हैं। पोहा पोषक तत्वों का खजाना है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन, ए, विटामिन सी और विटामिन डी मौजूद होता है। ये सभी पोषक तत्व बॉडी की पोषक तत्वों की डिमांड को पूरा करते हैं और बॉडी को एनर्जी देते हैं। पोहा में कैलोरी बेहद कम होती है जिसकी वजह से लोग इसका सेवन ज्यादा करते हैं।

दूसरी तरफ चावल जिनका सेवन भारत में दिन भर के खाने में एक बार जरूर किया जाता है। चावल में 15 से ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसमें खासतौर पर फोलिक एसिड, विटामिन बी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, फाइबर, आयरन और जिंक मौजूद हैं। चावल में स्टार्च की मात्रा ज्यादा पाई जाती है जिसकी वजह से इसका अधिक सेवन करने से मना किया जाता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट डॉ बिमल झाजर ने बताया पोहा लोगों का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला नाश्ता है। इसका सेवन लोग सुबह और शाम के नाश्ते में करते हैं। पोहा और चावल दोनों ही एक अनाज हैं लेकिन दोनों से बॉडी को फायदा अलग-अलग होता है। पोहे की तुलना में चावल के गुण पुरी तरह अलग हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पोहा और चावल में कौन सा अनाज है बेहतर।

पोहा और चावल दोनों में कौन है बेहतर

एक्सपर्ट के मुताबिक पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम और चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है। चावल का ग्लाइसेमिक 70 के आस-पास है तो पोहा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50-50 तक होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स का फूड आसानी से पचता है और इसका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर भी नॉर्मल रहता है। पोहा चावल से कई गुणा अच्छा फूड है। पोहा में आयरन भरपूर होता है। अगर चावल में एक मिलीग्राम आयरन होता है तो पोहा में  20 मिलीग्राम आयरन होता है। किसी को एनीमिया है तो वो पोहा का सेवन करें बॉडी में आयरन की कमी पूरी होगी।

पोहा में प्रोटीन,फॉस्फोरस और पोटैशियम मौजूद होता है जो चावल में बेहद कम होता है। ये फूड डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। अगर पोहा में नींबू डालकर खाएं तो न सिर्फ उसका स्वाद बेहतर होगा बल्कि इम्युनिटी भी स्ट्रांग होगी।

चावल का सेवन क्यों करना चाहिए कम?

चावल पर पॉलिश किया जाता है जिसमें फाइबर की कमी हो जाती है। कम फाइबर के चावल का सेवन करने से पाचन पर असर पड़ता है और ब्लड शुगर भी हाई रहता है। चावल और पोहे की तुलना करें तो पोहे में फाइबर ज्यादा होता है जो खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है और वजन कम करता है।