Pneumonia Symptoms:निमोनिया रोग वायरस या बैक्टीरिया के कारण पनपने वाला रोग है जिसका खतरा सर्दियों में ज्यादा रहता है। निमोनिया एक श्वसंन संबंधी रोग है जिसकी वजह से फेफड़ों में सूजन आ सकती है और फेफड़ों में पानी भर सकता है। सर्दी में ये बीमारी बेहद परेशान करती है। सर्द मौसम में बैक्टीरिया निमोनिया का सबसे बड़ा कारण बनते हैं। सर्दी में बच्चों और बूढ़ों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। बच्चों में निमोनिया वायरल से होता है जिसका समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो 10-12 दिनों में बीमारी से राहत मिल जाती है।
फोर्टिस हॉस्पिटल फरीदाबाद में पल्मोनरी डॉक्टर रवि शेखर झा ने बताया कि निमोनिया किसी भी उम्र के इनसान को हो सकता है लेकिन सर्दी में इसका खतरा ज्यादा रहता है। सर्दियों में निमोनिया की बीमारी सर्दी-जुकाम या फ्लू के बाद हो सकती है। यह बीमारी छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं में रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (Respiratory syncytial virus)नामक विषाणु के कारण होती है। ये एक तरह का लंग्स इंफेक्शन है जो ज्यादा परेशान करता है।
निमोनिया बढ़ने पर सांस लेने तक में दिक्कत होने लगती है। सर्दी में नमी ज्यादा होने के कारण बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण ज्यादा फैलता है। भारत में अभी भी टीबी के बैक्टीरिया निमोनिया का सबसे बड़ा कारण बने हुए हैं। सर्दी में इस बीमारी के लक्षणों की समय पर पहचान कर ली जाए तो तुरंत इसका उपचार किया जा सकता है। आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षणों की पहचान कैसे करें और बचाव भी।
निमोनिया होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं:
- सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द (Chest pain)होना
- भ्रम की स्थिति (Confusion)या मानसिक जागरूकता में बदलाव
- खांसी जो कफ (phlegm) पैदा कर सकती है
- ज्यादा थकान होना (Fatigue)
- तेज बुखार, पसीना आना और ठंड लगना (Fever, sweating)
- बॉडी का तापमान (body temperature) सामान्य से कम होना
- मतली, उल्टी या दस्त (Nausea, vomiting or diarrhea)
- सांस लेने में कठिनाई होना शामिल है। (Shortness of breath)
- खांसी के साथ पीले रंग का बलगम आना,(phlegm)
- भूख नहीं लगना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। (appetite)
इस तरह करें बचाव:
- डॉक्टर के मुताबिक हॉस्पिट ल में चेकअप कराएं और दवाई का सेवन करें।
- दो हफ्ते तक एंटीबायोटिक का सेवन करने से 1 हफ्ते में ये बीमारी ठीक हो जाती है।
- निमोनिया और फ्लू से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद हैं इसलिए आप वैक्सीन (Vaccines)जरूर लगवाएं।
- बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। डॉक्टर 2 साल से कम उम्र के बच्चों और 2 से 5 साल की उम्र के बच्चों के लिए एक अलग निमोनिया के टीके की सलाह देते हैं।
- सफाई का ध्यान रखें। श्वसन संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हाथों को नियामित रूप से वॉश करें। हाथों को वॉश करना पॉसिबल नहीं है तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- स्मोकिंग से परहेज करें। धूम्रपान करने से इम्युनिटी कमजोर होगी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचेगा।
- पर्याप्त नींद लें, नियमित व्यायाम करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें।