मौसम बदलने के साथ सर्दी-जुकाम, एलर्जी या फिर फंगल इंफेक्शन की समस्याएं आम हो जाती हैं। वहीं, इन समस्याओं में भी खासकर लोग बलगम यानी कफ से ज्यादा परेशान रहते हैं। सर्दी-जुकाम होने पर गले से निकलने वाला कफ परेशानी का सबब बन जाता है। हालांकि, आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि ये कफ आपकी सेहत से जुड़े कई राज खोल सकता है। आप केवल बलगम के रंग को देखकर पता सकते हैं कि आपका शरीर किसी गंभीर बीमारी की चपेट में तो नहीं है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

इससे पहले बता दें कि बलगम शरीर के लिए उपयोगी है, ये नाक, फेफड़ों और वायुमार्ग को नम रखने और किसी बाहरी संक्रमण से उनकी सुरक्षा करने में मदद करता है, साथ ही फंगल इंफेक्शन के लिए प्रतिक्षा कोशिकाओं और एंटीबॉडी को भी रिलीज करता है।

कफ के रंग से कैसे लगाएं सेहत के हाल का पता?

पारदर्शी

कई हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर आपके कफ का रंग साफ और पारदर्शी है, तो ये बताता है कि आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। हालांकि, हल्की सर्दी के चलते आपको गले में कफ जमने की शिकायत हो सकती है, जो सही दवा और समय के साथ खुदबखुद ठीक भी हो जाती है।

सफेद रंग का बलगम

डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, सफेद रंग के बलगम के पीछे वायरल इनफेक्शन, एलर्जी या टीबी जैसी समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में भी घबराने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह स्थिति नियंत्रण में हैं लेकिन अगर आपको पहले से ही अस्थमा या सीओपीडी की समस्या है, तो एक बार अपनी जांच जरूर करा लें।

पीले रंग का बलगम

पीले रंग का बलगम इस ओर इशारा है कि आपके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या तेजी से कम हो रही है। वहीं, आपको बता दें कि व्हाइट ब्लड सेल्स ही शरीर को बीमारियों से लड़ने के काबिल बनाती हैं। आसान भाषा में समझें, तो जब शरीर पर बाहरी बैक्टीरिया या वायरस हमला करते हैं, तब हमारे खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं ही उनसे सामना करती हैं। यानी इन सेल्स की संख्या कम होने पर आप जल्दी बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। ऐसे में पीला बलगम घटती इम्युनिटी की ओर इशारा होता है, जिसे लेकर एक बार डॉक्टर से जांच कराना जरूरी हो जाता है।

गोल्डन बलगम

अगर आपका बलगम गहरे पीले या गोल्डन रंग जैसा है, साथ ही आपको ये अधिक चिपचिपा महसूस हो रहा है, तो ये साइनोसाइटिस का लक्षण हो सकता है।

हरे रंग का बलगम

हरे रंग का बलगम किसी संक्रमण के गंभीर रूप लेने की ओर इशारा हो सकता है। ऐसा अधिकतर पीले कफ के बाद देखने को मिलता है। यानी कमजोर इम्युनिटी के चलते आपके शरीर में पल रहा कोई संक्रमण जब गंभीर रूप ले लेता है, तो ऐसे में बलगम का रंग हरा होने लगता है। इस स्थिति में समय रहते जांच करना जरूरी है।

हल्का गुलाबी या लाल रंग का बलगम

गुलाबी या लाल बलगम, कफ में ब्लड पहुंचने की ओर इशारा हो सकता है। ऐसा फेफड़ों में गंभीर सक्रमण या फेफड़ों के ट्यूमर के चलते भी हो सकता है। वहीं, अगर आपको इस तरह के बलगम के साथ सांस लेने में परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है, तो बिना अधिक देरी किए तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।

भूरा रंग

जिन लोगों को फेफड़ों से जुड़ी काफी पुरानी बीमारी है, उन्हें बलगम का रंग भूरा दिख सकता है। इसके अलावा अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों को भी ये समस्या हो सकती है। साथ ही बच्चों में ये निमोनिया का लक्षण हो सकता है।

काला बलगम

बेहद काले बलगम का मतलब है कि आप प्रदूषक या धूएं के संपर्क में अधिक आ रहे हैं और इससे गंदी हवा सांस के जरिये आपके फेफड़ों तक पहुंच रही है। हालांकि, ये क्रोनिक साइनस संक्रमण या कवक का संकेत भी हो सकता है, जिसे लेकर भी जांच कराना जरूरी हो जाता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।