आजकल की जेनरेशन में महिलाओं में पॉलीसिस्टम ओवरी सिंड्रोम (PCOD) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। जब पीरियड होने में बहुत ज्यादा समय लगे या बहुत दिनों तक पीरियड होता रहे या अनियनित हो तो इसका मतलब है कि उस महिला को पीसीओडी हो गया है। दुर्भाग्य से अधिकांश महिलाएं इस बीमारी को सही से समझती नहीं है और इसे बहुत लंबे समय तक नजरअंदाज कर देती है। लेकिन पीसीओडी (PCOD) की बीमारी का अगर लंबे समय तक इलाज न किया जाए यह फर्टिलिटी को तो खत्म कर ही देती है, इसके अलावा हार्ट, डायबिटीज और ओवेरियन कैंसर जैसी घातक बीमारियों का जोखिम बढ़ा देती है।
पीसीओडी (PCOD) में होने वाली परेशानियां:
जब किसी महिला को पीसीओडी की बीमारी लगती है तब अंडाशय में अंडा नहीं बनता है। इससे मां बनने की संभावना खत्म हो सकती है। पीरियड इर्रेगुलर हो जाता है। इसमें एंड्रोजन और एस्ट्रोजन हार्मोन बहुत ज्यादा हो जाता है, जिसके कारण कई हार्मोन का एक साथ असंतुलन हो जाता है। हमेशा चिंता और अवसाद महिलाओं को जकड़ लेता है।
बढ़ सकता है इन तीन बीमारियों का खतरा:
1.डायबिटीज
जब पीसीओडी का बहुत दिनों तक इलाज न किया जाए तो इंसुलिन हार्मोन रेजिस्टेंस होने लगता है। यानी इंसुलिन बनता तो है लेकिन अपना काम सही से नहीं करता। इस कारण डायबिटीज हो जाती है और खून में शुगर जमा होने लगती है। इसके साथ ही महिलाओं में लैप्टिन हार्मोन भी बढ़ने लगता है। इसलिए पीसीओडी डायबिटीज की बीमारी लाती है।
2.हाइपरटेंशन
जिस महिला को पीसीओडी होता है उसमें कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड बहुत ज्यादा हो जाता है। इसके साथ ही कुछ अन्य हार्मोन भी शरीर में बढ़ने लगते हैं। इन सबके परिणामस्वरूप हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन हो जाता है।
3.इंडोमैटेरियल कैंसर
अगर पीसीओएस की बिना इलाज छोड़ दिया जाए तो इंडोमैटेरियल कैंसर होने में बहुत देर नहीं लगती। हालांकि अभी तक यह पता नहीं है कि पीसीओएस होने के कितने दिनों के इंदर इंडोमैटेरियल कैंसर होता है। पीसीओएस होने पर सबसे पहले सिस्ट यानी सिस्टिक ग्लैंडुलर हाइपरप्लासिया हो जाता है जो इंडोमेटेरियल कैंसर के लिए पहला द्वार है।
पीसीओएस के लक्षणों की पहचान कैसे करें:
- किसी महिला में अगर पीसीओएस हो जाए तो इसमें बॉडी में कई चीजें एक्सेस यानी ज्यादा होने लगती है।
- एस्ट्रोजन और पुरुष वाला हार्मोन एंड्रोजन बढ़ जाता है।
- इसके साथ ही महिला का वजन बढ़ जाता है।
- स्किन खासकर गर्दन और आर्मपिट में पिगमेंटेशन होने लगता है।
- स्किन के साथ ही बालों और कील-मुंहासों का ग्रोथ ज्यादा होने लगता है।
- कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स भी बढ़ जाता है।
- लंबे समय तक पीसीओडी होने पर पीरियड पूरी तरह से खत्म हो जाता है और अंडा या तो बनता ही नहीं या बनता है तो अंडाशय से बाहर नहीं आता।