24 अप्रैल 2024 को महाराष्ट के यवतमाल में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भाषण देते समय मंच से अचानक गिर पड़े। केंद्रीय मंत्री को आनन-फानन में मंच से उठाया गया और उनका ब्लड शुगर चेक किया गया। गडकरी का ब्लड शुगर लो होने की वजह से उन्हें कमजोरी और चक्कर आया और वो बेहोश हो गए। गडकरी का ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए उन्हें तुरंत मीठा खिलाया गया और उनकी हालत नॉर्मल हो गई।
इससे पहले भी गडकरी 2022 में मंच पर शुगर कम होने की वजह से बेहोश हो चुके हैं। ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ना जितना खतरनाक है उतना ही शुगर का कम होना भी खतरनाक है। इस स्थिति से हर हाल में बचना चाहिए। ब्लड में शुगर का स्तर कम होने से दिल का दौरा पड़ सकता है या बॉडी के दूसरे जरूरी अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इस स्थिति में मरीज की मौत तक हो सकती है।
ब्लड शुगर का लो होना Hypoglycemia कहलाता है। Hypoglycemia को आम भाषा में लो ब्लड शुगर कहते हैं। अगर ब्लड में शुगर का स्तर 60 MG/DL से कम होता है तो हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति पैदा होती है। शुगर का कम होना एक ऐसी स्थिति है अगर इस पर समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है।
सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉ संदीप कुमार वर्मा ने बताया कि Hypoglycemia की स्थिति ज्यादातर शुगर के मरीजों में पैदा होती है जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। अगर दवा के सेवन और खाने के बीच के समय में ज्यादा अंतर होता है तो दवाइयां अपना काम करना शुरु कर देती है। ऐसे में अगर आप लम्बे समय तक खाने का सेवन नहीं करते तो ब्लड में शुगर का स्तर कम होने लगता है।
नितिन गडकरी लम्बे समय तक गर्मी में रहे और ऐसे में उन्हें डिहाइड्रेशन हुआ होगा जिससे उनके ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से गिर गया। अब सवाल ये उठता है कि ब्लड शुगर गर्मी में अचानक से कम क्यों हुआ और शुगर का स्तर कितना नीचे गिरने से बेहोशी तक की नौबत आती है। आइए जानते हैं हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों की पहचान कैसे करें और इस स्थिति से कैसे बचाव किया जाए।
हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण कौन-कौन से हैं?
- शुगर लेवल कम होने से बॉडी में ऊर्जा का स्तर कम होने लगता है।
- थकान ज्यादा रहती है और पसीना भी ज्यादा आता है।
- दिल की धड़कन तेज हो जाती है
- घबराहट महसूस होती है
- उल्टी, दस्त होना
- इमरजेंसी स्थिति में मरीज अचानक से बेहोश भी हो सकता है।
- बॉडी में झटका आना भी हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण हो सकते हैं।
हाइपोग्लाइसीमिया होने का कारण
- हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जो रेयर होती है। इलाज के दौरान ये स्थिति पैदा हो सकती है।
- कई गंभीर बीमारियों की वजह से भी ये स्थिति पैदा हो सकती है।
- सामान्य मरीजों में खाने के बीच में अधिक गैप होने से या फिर हेल्दी डाइट का सेवन नहीं करने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
- गर्मी में ज्यादा रहने से, ज्यादा एक्सरसाइज करने से भी ये परेशानी हो सकती है।
- बेहोशी और चक्कर का आना ब्लड में शुगर का स्तर कम होने के संकेत हो सकते हैं।
- शुगर के जो मरीज इंसुलिन ले लेते हैं और खाना नहीं खाते तो ऐसी स्थिति में भी ब्लड में शुगर का स्तर लो होता है।
हाइपोग्लाइसीमिया का उपचार कैसे करें
अगर ग्लूकोमीटर पर चेक करने पर आपका ब्लड शुगर 60 MG/DL से कम आ रहा है और आप अपनी बॉडी में कमजोरी और थकान महसूस कर रहे हैं तो आप तुरंत ग्लूकोज के बिस्कुट, चीनी, आइसक्रीम, कैंडी, कॉफी और मीठी चीज का सेवन करें। इन फूड्स का सेवन करने से 15-20 मिनट में ब्लड शुगर नॉर्मल आ जाएगा। अगर मीठा खाने के बाद आराम नहीं हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। अगर मरीज बेहोश है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर बेहोशी में खून की नसों के जरिए बॉडी में ग्लूकोज पहुंचा सकता है।
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार हैं। गडकरी भाषण देते समय बेहोश हो गए और उन्हें तुरंत पेड़ा खिलाकर प्राथमिक उपचार किया गया। 15-20 मिनट में गडकरी की शुगर नॉर्मल हो गई और वो ठीक हो गए।