बढ़ते वजन के लिए खराब डाइट और बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। डाइट में जंकफूड्स,कोल्ड ड्रिंक,ज्यादा मीठा का सेवन और डिब्बाबंद फूड्स का सेवन तेजी से वजन को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। बढ़ते वजन का सबसे ज्यादा असर पेट पर दिखता है। बढ़ते वजन को कम करने के लिए लोग डाइट पर कंट्रोल करते हैं,घंटों जिम में वर्कआउट करते हैं फिर भी वजन कम नहीं होता। सबसे ज्यादा जिद्दी पेट के आस-पास की चर्बी होती है जिसे घटाना आसान काम नहीं है। आप जानते हैं कि अगर आप डाइट पर कंट्रोल कर रहे हैं,वर्कआउट भी कर रहे हैं तो भी आपका वजन कम नहीं हो रहा तो इसके लिए तनाव जिम्मेदार है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में एंडोक्रिनोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ऋचा चतुर्वेदी बताती हैं कि तनाव के कारण पेट की चर्बी बढ़ सकती है। जब आप लगातार दबाव में रहते हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल हॉर्मोन का बेहद उत्पादन करता है, जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है। ये हॉर्मोन वजन बढ़ने और दिल के रोगों का खतरा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। हाई फैट खाने का अधिक सेवन करने से पाचन धीमा हो सकता है और तनाव बढ़ सकता है।
आप भी पेट की बढ़ती चर्बी से परेशान हैं और सारे जतन करके थक चुके हैं तो कॉर्टिसोल ही आपके मोटापा के लिए जिम्मेदार है। आइए जानते हैं कि कॉर्टिसोल हॉर्मोन कैसे मोटापा को बढ़ाने में असरदार साबित होता है और इस स्ट्रेस हॉर्मोन से कैसे बचाव करें।
कोर्टिसोल की क्या भूमिका है?
कोर्टिसोल तनाव हार्मोन है। यह शरीर में विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोर्टिसोल बीपी को बनाए रखने, ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने,इम्युनिटी में सुधार करने और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है। यह सूजन और तनाव में भी सहायता करता है। अत्यधिक या लंबे समय तक कोर्टिसोल हॉर्मोन का उत्पादन सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
लगातार तनाव में रहने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ सकता है जिसका सेहत पर कई तरह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस हॉर्मोन की वजह से नींद में खलल पड़ता है,इम्युनिटी कमजोर होती है,वजन बढ़ता है और दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इस हॉर्मोन से होने वाले दुष्ट परिणाओं से बचने के लिए कॉर्टिसोल का स्तर जानना जरूरी है।
कोर्टिसोल पेट की चर्बी को कैसे बढ़ाता है?
खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और निष्क्रिय जीवन शैली जैसे कई ट्रिगर्स की उपस्थिति में पेट की चर्बी तेजी से बढ़ती है। इसके अलावा जब कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है,तो आपकी बॉडी हाई कार्ब वाले फूड्स का सेवन करना चाहती है। हाई कार्ब तेजी से इंसुलिन का निर्माण करेंगे और कोर्टिसोल को नियंत्रित करेंगे। जब अतिरिक्त इंसुलिन और कोर्टिसोल आपके रक्तप्रवाह में एक साथ होते हैं, तो ये लिपोप्रोटीन लाइपेस (LPL) बनाते हैं जो एक फैट को स्टोर करने वाला एंजाइम है।
इस एंजाइम का स्तर जितना अधिक होगा, आंत में वसा जमा होने का जोखिम उतना ही अधिक होगा। कोर्टिसोल कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनकी इंसुलिन संवेदनशीलता कम हो जाती है। 2000 के येल अध्ययन में पाया गया कि तनाव पतली महिलाओं में भी पेट की अतिरिक्त चर्बी का कारण बन सकता है। इसके अलावा पेट की चर्बी कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाती है। यह हॉर्मोन महिलाओं पर बुरी तरह से काम करता है।
हम ऑफिस और घर में तनाव को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं?
- तनाव कम करने के लिए डीप ब्रेथिंग एक्सरसाइज,ध्यान और माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।
- नियमित शारीरिक गतिविधि तनाव कंट्रोल करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि यह एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाता है, मूड में सुधार करता है और तनाव को कम करता है। तनाव को दूर करने के लिए पैदल चलना, जॉगिंग या योग जैसी गतिविधियां फायदेमंद साबित हो सकती हैं।
- संतुलित आहार के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
- पर्याप्त नींद और अत्यधिक कैफीन या शराब के सेवन से परहेज करें। पर्याप्त नींद शरीर और दिमाग को बहाल करने में मदद करती है, जिससे तनाव से निपटने में मदद मिलती है।
