ब्लड शुगर एक ऐसी बीमारी है जो एक बार शरीर में बढ़ जाए तो इसे कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। ब्लड शुगर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। डायबिटीज होने के मोटापा, थायराइड, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी समस्या और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर करने का काम करता है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सभी तरह की मिठाइयां जहर से कम नहीं मानी जाती, लेकिन डार्क चॉकलेट शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, डार्क चॉकलेट का सेवन सिमित मात्रा में ही करना जरूरी है, ज्यादा सेवन करने से स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ सकता है।
शुगर के लिए डार्क चॉकलेट के फायदे
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, डार्क चॉकलेट के कुछ एंटीऑक्सीडेंट घटकों को हृदय रोग और इंसुलिन प्रतिरोध के कम जोखिम से भी जोड़ा गया है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे ज्यादा मात्रा में खा सकते हैं। स्टैनफोर्ड हेल्थ केयर के शुगर देखभाल कार्यक्रम में प्रमाणित, शिक्षा विशेषज्ञ, एना सिमोस, सी.डी.सी.ई.एस., एम.पी.एच. ने एवरीडे हेल्थ से बात करते हुए कहा कि चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अपने इंसुलिन का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद करते हैं। यह शुगर के लेवल को स्वाभाविक रूप से कम करने में मदद करता है और वास्तव में शरीर को इंसुलिन का उपयोग करने में मदद करता है। यह इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करता है, जिसे हम टाइप 2 मधुमेह में देखते हैं।
इसके अलावा डार्क चॉकलेट में मौजूद एक एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनोल्स मिश्रण हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए लाभकारी है और इससे हृदय रोग के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। 2022 में एक रिव्यू में पाया गया कि सामान्य या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग, दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक डार्क चॉकलेट का सेवन करने से ब्लड प्रेशर में कमी देखी गई। जिन लोगों ने फ्लेवोनोल्स की हाई कंसंट्रेशन वाली डार्क चॉकलेट खाई, उनके लिए प्रभाव अधिक था।
डार्क चॉकलेट खाते समय इन बातों का रखें ध्यान
खाने पर कंट्रोल- डार्क चॉकलेट को कंट्रोल में रखते हुए खाने से स्वास्थ्य को बहुत ही लाभ मिलेंगे और यह आपकी कुछ मीठा खाने की लालसा को भी संतुष्ट करेगा।
दही पर कोको निबल्स छिड़कें- यह डार्क चॉकलेट के संभावित लाभों को प्राप्त करने का एक छोटा, लेकिन सबसे अच्छा तरीका है। ये प्रोटीन और पेट के अनुकूल बैक्टीरिया से भरपूर होता है जिसे प्रोबायोटिक्स के रूप में जाना जाता है।
वहीं, रिसर्च के अनुसार, जो लोग रोजाना 2-3 कप ब्लैक कॉफी पीते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 25-30 प्रतिशत तक कम हो सकता है।