बढ़ती उम्र के साथ ही आंखों की रोशनी भी कमजोर होने लगती है। आंखों की रोशनी कम होना एक नेचुरल प्रोसेस है। हालांकि, आंखों की रोशनी कम होने के लिए और भी कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे खराब डाइट, खराब लाइफस्टाइल, तनाव, कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल आदि। आंखों से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं जो धीरे-धीरे करने शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करना शुरू कर देते हैं। आंखों में दर्द, खुजली और जलन आंखों से संबंधी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है, जो बदले में मूड को भी प्रभावित कर सकता है और उत्पादकता में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, शरीर से संभावित रूप से हानिकारक ऑक्सीकरण एजेंटों को हटाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हमारी आंखों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये ऑक्सीकरण कोशिकाओं की लाइफ बढ़ाने और मृत्यु में भूमिका निभा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट इस प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। विटामिन ए, सी और ई आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले प्रमुख पोषक तत्वों में से हैं। इसके साथ ही विटामिन ए, बी1, सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट और जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाने से सूजन को कम करने और आंखों को कई सामान्य स्थितियों जैसे सूखी आंखें, लाल आंखें, नजर कमजोर और मोतियाबिंद आदि से बचाने में मदद कर सकता है।

विटामिन ए

आंखों की हेल्थ के लिए विटामिन ए एक ऐसा पोषक तत्व है, जो रोशनी बनाए रखने और इसकी कमी से जुड़ी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। विटामिन ए की आवश्यकता ऐसे पिगमेंट बनाने के लिए होती है जो आपको रोशनी के पूरे स्पेक्ट्रम को देखने में मदद करते हैं। इस महत्वपूर्ण पोषक तत्व की कमी से रतौंधी यानी नाइट ब्लाइंडनेस हो सकती है। विटामिन ए स्वस्थ कॉर्निया को बनाए रखने में मदद करता है और रोडोप्सिन के उत्पादन का समर्थन करता है, जो रात में देखने के लिए आवश्यक प्रोटीन है। विटामिन ए की कमी से समय के साथ सूखापन, रतौंधी और यहां तक कि गंभीर दृष्टि दोष भी हो सकता है। विटामिन ए की पूर्ति के लिए पत्तेदार हरी सब्जियां, संतरे, गाजर, शकरकंद, कद्दू, अंडे और खरबूजा खाया जा सकता है।

जिंक

जिंक विटामिन ए का एक वफादार साथी है, क्योंकि यह विटामिन ए को लिवर से रेटिना तक पहुंचाने में मदद करता है, जहां यह मेलेनिन उत्पादन में मदद करता है, जो आंखों की रक्षा करने वाला एक रंगद्रव्य है। WebMD के अनुसार, जिंक सप्लीमेंट्स, जब एंटीऑक्सीडेंट विटामिन के साथ संयोजन में उपयोग किए जाते हैं, तो उम्र से संबंधित मैकुलर डिजनरेशन (AMD) की प्रगति को धीमा कर सकते हैं जो उम्र के साथ रोशनी में होने वाला परिवर्तन है। जिंक की पूर्ति के लिए सीप, झींगा मछली, दही, जिंक-फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट अनाज, बेक्ड बीन्स और काजू सबसे अच्छे स्रोत हैं।

विटामिन सी

विटामिन सी आंखों की हेल्थ के लिए बहुत ही असरदार होता है। इसमें आंखों की कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और स्वस्थ रक्त वाहिकाओं को बढ़ाने की क्षमता होती है। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन सी मोतियाबिंद के गठन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट भी है जो ऑक्सीडेटिव क्षति को रोक सकता है और आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा है। इसके लिए खट्टे फल, जामुन, कीवी, शिमला मिर्च, टमाटर, पत्तेदार साग और ब्रोकोली आदि का सेवन किया जा सकता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स खाने से आंखों को ग्लूकोमा जैसी हानिकारक बीमारियों से बचाया जा सकता है, जो अंधेपन का कारण भी बन सकती है। यह पोषक तत्व ड्राई आई सिंड्रोम का इलाज करने के लिए भी जाना जाता है। ये फैटी एसिड सूजन को कम करने और कॉर्नियल और रेटिना हीलिंग के लिए मददगार है।

विटामिन बी1

विटामिन बी1 एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो आंखों की सूजन को कम करने में मदद करता है और ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षणों को कम कर सकता है। इसे अक्सर एंटी-स्ट्रेस विटामिन के रूप में जाना जाता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन बी1 सप्लीमेंटेशन मोतियाबिंद के विकास को भी कम कर सकता है।