थायराइड एक हार्मोन समस्या है। महिलाओं को अक्सर इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, थायराइड की समस्या की नियमित रूप से देखरेख की जाए तो कोई परेशानी नहीं होती। ऐसे ही महिलाओं को अक्सर यह लगता है कि थायराइड की वजह से प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है और वह कंसीव नहीं कर सकती हैं। दुनिया भर में हर 8 में से 1 महिला को थायराइड की समस्या है। इसके अलावा एक स्टडी के मुताबिक, 60 प्रतिशत महिलाएं थायराइड के लक्षणों से अभी भी अंजान हैं। न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के हेड विज्ञान मिश्रा ने बताया कि थायराइड की वजह से महिलाओं की प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है या नहीं, इस बात में कितनी सच्चाई है और थायराइड की समस्या से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

क्या है थायराइड?

दरअसल, गर्दन के पास तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड ग्रंथि कहा जाता है। यह ग्रंथि हार्ट, मस्तिष्क और मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए हार्मोन जारी करती है। इसी तरह थायराइड ग्रंथि शरीर के तापमान और हार्ट गति को कंट्रोल करती है। यह हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी हार्मोन रिलीज करता है। यदि यह ग्रंथि आवश्यक हार्मोन जारी नहीं करती है, तो स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। इसके अलावा अगर आवश्यकता से ज्यादा हार्मोन जारी होते हैं, तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। थायराइड हमारे शरीर के लिए कई परेशानियां पैदा कर देती हैं।

क्या थायराइड में कंसीव किया जा सकता है?

डॉ. विज्ञान मिश्र के मुताबिक, थायराइड से जूझ रहीं महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि, थायराइड में कई महिलाओं का कंसीव करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इसके लिए अपने लाइफस्टाइल और खानपान का ध्यान रखना होता है, जिसके बाद महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि थायराइड की समस्या में असल चुनौती प्रेग्नेंसी के बाद शुरू होती है। थायराइड की समस्या से पीड़ित यदि गर्भवती हैं तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। थायराइड होने पर गर्भपात की संभावना अधिक होती है। इसका असर शिशु के विकास पर भी पड़ता है। इसलिए आपको हमेशा डॉक्टर से सलाह लेते रहनी चाहिए।

थायराइड का प्रेग्नेंसी से क्या है रिलेशन?

हाइपोथायरायडिज्म में बांझपन, मिसकैरेज, प्रीक्लेम्पसिया, एनीमिया, जन्म के समय शिशु का वजन कम और शिशु के विकास में समस्याएं होती हैं। ऐसे ही हाइपरथायरायडिज्म में हाई ब्लड प्रेशर, समय से पहले जन्म आदि समस्या। वहीं, अगर प्रेग्नेंसी के समय थायराइड की दिक्कत होती है तो इससे बच्चे का आई क्यू लेवल प्रभावित हो सकता है, क्योंकि दिमाग का 90 प्रतिशत हिस्सा जन्म से पहले ही बनता है।

थायराइड में महिलाएं कैसे करें बचाव?

अगर आपको थायराइड है, तो बच्चों के जन्म के तुरंत बाद थायराइड का टेस्ट करवाना चाहिए। कुछ लोग समस्या के साथ पैदा होते हैं। अगर इसका जल्दी पता नहीं लगाया गया तो बच्चों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। थायराइड की समस्या के कारण कुछ लोगों के बाल झड़ने लगते हैं। दूसरों का वजन बढ़ता है। त्वचा संबंधी समस्या भी हो जाती है। थायराइड की समस्या को लाइफस्टाइल में बदलाव करके, एक्सरसाइज करके और दवाएं लेकर कंट्रोल किया जा सकता है।

इसके अलावा आप शरीर में गांठ की समस्या से परेशान हैं तो आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया बॉडी के किसी भी हिस्से में गांठ होने पर आप कपालभाति करें। नियमित रूप से कपालभाति प्राणायाम 30-30 मिनट करने से बॉडी के किसी भी हिस्से में होने वाली गांठ घुल जाती है।