सोते समय अंगों में सुन्नता या झुनझुनी आमतौर पर दर्द रहित हो सकती है। जब ऐसा होता है तो ऐसा महसूस होता है कि हाथ-पैर में कई चींटियां घूम रही हैं, या कोई उन्हें सुई या तेज पिन से चुभ रहा है। यह शारीरिक समस्याओं का भी परिणाम हो सकता है जैसे कि पीठ की समस्याएं या आसपास के ऊतकों का मोटा होना, जो नसों पर दबाव डालते हैं। यह दिन या रात के किसी भी समय हो सकता है।
हाथ और पैर में सुन्नता क्या है? (Numbness in Hands and Feet Causes)
एनआईएच के अनुसार, इस पिन और सुई की सनसनी को चिकित्सकीय रूप से पेरेस्टेसिया कहा जाता है। अधिकांश समय इसका कारण सामान्य होता है। एक तरफ सोने से एक तरफ पूरा दबाव पड़ता है और यह इसका कारण बन सकता है। यह समस्या रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण होती है।
हाथों और पैरों में सुन्नपन कोई असामान्य एहसास नहीं है। ज्यादातर लोग किसी न किसी समय इसका अनुभव करते हैं। लेकिन यह सुन्नता या झुनझुनी की समस्या कुछ समय तक लगातार हो तो या अन्य लक्षणों के साथ दिखाई दे रही है और अगर ऐसा होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह अनुभूति शरीर में आंतरिक रूप से विकसित होने वाली कुछ बीमारियों का लक्षण भी हो सकती है।
विटामिन बी की कमी (Vitamin B Deficiency)
एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, विटामिन बी की कमी से शरीर में झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। बी विटामिन कई प्रकार के होते हैं और ये सभी सेल स्वास्थ्य को बनाए रखने और आपको ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करते हैं। अधिकांश लोगों को अपने आहार के माध्यम से पर्याप्त बी विटामिन मिलते हैं, लेकिन कुछ लोगों को अपनी दैनिक बी विटामिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरक आहार लेने की भी आवश्यकता हो सकती है।
शरीर में अतिरिक्त पानी (Excess Water in The Body)
मासिक धर्म के दौरान ज्यादा नमक का सेवन और हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव सहित कई चीजों के कारण वॉटर रिटेंशन हो सकता है। इससे पूरे शरीर में सूजन हो सकती है या यह शरीर के कुछ हिस्सों में जमा हो सकती है। कभी-कभी यह सूजन रक्त परिसंचरण या रक्त प्रवाह में हस्तक्षेप कर सकती है और प्रभावित क्षेत्र में झुनझुनी महसूस हो सकती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome)
कार्पल टनल सिंड्रोम हाथों और पैरों में सुन्नता या झुनझुनी पैदा कर सकता है। यह तब होता है जब माध्यिका तंत्रिका संकुचित या पिंच होती है। एक ही मूवमेंट को बार-बार करना, जैसे कि कीबोर्ड पर टाइप करना या मशीनरी पर काम करना, इस समस्या को ट्रिगर कर सकता है।
परिधीय न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy)
यदि आपको मधुमेह है और नियमित रूप से पेरेस्टेसिया का अनुभव होता है, तो यह तंत्रिका क्षति के कारण हो सकता है। इस क्षति को पेरीफेरल न्यूरोपैथी कहा जाता है और यह लगातार उच्च रक्त शर्करा के कारण होता है।
तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी के कारण (Disturbances in Nervous System)
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली स्थितियां, जैसे मल्टीपल स्केलेरोसिस और हार्ट स्ट्रोक भी पेरेस्टेसिया का कारण बन सकती हैं। मस्तिष्क या रीढ़ में एक ट्यूमर भी इसे ट्रिगर कर सकता है।
