गलत लाइफस्टाइल और अनियंत्रित खान-पान की आदतों के कारण हम सबको डाइजेशन प्रोबल्म से गुजरना पड़ता है। कभी ब्लॉटिंग, तो कभी एसिडिटी तो कभी कॉन्सिटिपेशन जैसी समस्या आजकल आम हो गई है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन, नियमित एक्सरसाइज, फाइबर युक्त सही खान-पान जैसी आदतों को डाइजेशन ठीक रखने का तरीका माना जाता है।

लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो रात में भोजन के बाद सोने की सही पोजिशन भी अच्छे डाइजेशन के लिए जरूरी माना जाता है। एक्सपर्ट ने बताया कि यदि सही करवट के साथ रात में सोया जाए तो हार्टबर्न, ब्लॉटिंग जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।

सोने के लिए कौन सी सही पोजिशन:

मैक्स सुपर स्पेशएलिटी अस्पताल देहरादून में इंटरनल मेडिसीन के एसोसिएट कंस्लटेंट डॉ माहिरा धसमाना कहती हैं कि बाईं तरफ करवट लेकर सोने के कई फायदे हैं। क्योंकि यह हमारे पचने योग्य भोजन को आसानी से छोटी आंत से बड़ी आंत में धकेल देता है। बाईं तरफ करवट लेकर सोने से गैस्ट्रो एसोफिगल रिफलेक्स डिजीज नहीं होती। यह एक तरह की एसीडिटी है जिसके कारण बदहजमी और हार्टबर्न जैसा महसूस होता है।

धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशएलिटी अस्पताल में गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंस्लटेंट डॉ महेश गुप्ता भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि रात में बाईं तरफ करवट लेकर सोने से डाइजेशन की कई समस्याएं अपने आप खत्म हो जाती है।

बाई तरफ एसिड उपर नहीं उठ पाता:

डॉ महेश गुप्ता ने बताया कि दरअसल हमारा पेट एसोफेगस यानी आगारनाल के ठीक नीचे बाईं तरफ होता है। जब हम बाई तरफ करवट लेकर सोते हैं तो पेट में पाचन के लिए निकलने वाले एसिड का उपर उठना मुश्किल हो जाता है क्योंकि एसिड गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ नहीं जा सकता है। बाई तरफ सोने से पेट का भार उपर की तरफ हो जाता है।

नीचे की तरफ एसिड निकलता है तो इसका उपर की तरफ जाना इसलिए मुश्किल हो जाता है क्योंकि उपर भारी बल लगता है। उस बल को पार करने का मतलब है कि गुरुत्वाकर्षण के विपरीत दिशा में जाना जो असंभव है। यह कारण है कि जब हम बाएं तरफ करवट लेकर सोते हैं तो हार्टबर्न या बदहजमी जैसे लक्षण मुश्किल से ही दिखते हैं।

पीठ या पेट के बल सोना भी उचित नहीं है:

डॉ धसमाना कहती हैं कि दाएं तरफ करवट लेकर सोने के बाद ही हार्टबर्न और इनडाइजेशन जैसी प्रोब्लम दिखाई देती हैं। इसी तरह अपनी पीठ या पेट के बल सोना भी उचित नहीं है। पीछे की ओर मुड़कर सोने से एसिड गले की तरफ उपर उठेगा जिससे एसीडिटी, हार्टबर्न, ब्लॉटिंग जैसी समस्याएं होगी। डॉ महेश गुप्ता कहते हैं कि रात में भोजन के तुरंत बाद बिस्तर पर लेट जाना एसीडिटी, ब्लॉटिंग का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए रात में भोजन के बाद थोड़ा टहल लें या रात में कम भोजन करें। रात में अच्छी नींद आएगी तो डाइजेशन भी सही से होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक रात में सुकून भरी नींद का सीधा संबंध हेल्थ से है।