आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल में कई बदलाव हो गए हैं, जिसके चलते वजन बढ़ना बहुत ही आम समस्या हो गई है। हालांकि, हर बार वजन बढ़ने की वजह ज्यादा खाना या फिजिकल एक्टिविटी की कमी ही नहीं होती। कई बार इसके पीछे हार्मोनल असंतुलन की भूमिका होती है, और यदि समय रहते इसका पता चल जाए, तो इसे बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, दिल्ली, सीनियर डायरेक्टर- जनरल, लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी, डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि हार्मोलन वजह के कारण कैसे वजन बढ़ता, इसके शुरुआती लक्षण क्या होते हैं और इससे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
डॉ. आशीष गौतम के मुताबिक, सबसे आम कारणों में से एक हाइपोथायरायडिज्म है। जब थायराइड ग्रंथि कम सक्रिय हो जाती है, तो शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। इसका नतीजा वजन बढ़ना, थकान, कब्ज और सुस्ती जैसे लक्षणों में निकलता है। भले ही आपकी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी में कोई बदलाव न हुआ हो। इसी तरह पिट्यूटरी ग्रंथि में गड़बड़ी से भी हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है। क्योंकि, पिट्यूटरी शरीर के कई जरूरी कार्यों को कंट्रोल करती है, उसमें किसी भी प्रकार की समस्या (जैसे ट्यूमर) चेहरे और पेट के आसपास अचानक वजन बढ़ने का कारण बन सकती है।
महिलाओं में खासतौर पर पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) में वजन बढ़ने की एक प्रमुख हार्मोनल वजह होती है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि पीसीओएस और वजन बढ़ने के बीच का संबंध काफी गंभीर है। इस स्थिति में इंसुलिन रेजिस्टेंस होना आम बात है, जिससे शरीर के लिए शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल और फैट को स्टोर करना आसान हो जाता है। कई मामलों में पहले वजन बढ़ता है और फिर पीसीओएस विकसित होता है। एक बार पीसीओएस हो जाने पर हार्मोनल असंतुलन के कारण वजन कम करना और भी कठिन हो जाता है। यह केवल लाइफस्टाइल से जुड़ी नहीं, बल्कि हार्मोन से गहराई से जुड़ी हुई स्थिति है।
अगर आप बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन बढ़ता महसूस कर रहे हैं, खासकर अगर इसके साथ अनियमित पीरियड्स, बालों का झड़ना, कम एनर्जी या मूड स्विंग्स जैसे लक्षण भी हों, तो हार्मोनल जांच करवाना जरूरी है। साधारण ब्लड टेस्ट के जरिए थायराइड, इंसुलिन या पिट्यूटरी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
डाइट पर ध्यान दें
वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी है कि बैलेंस डाइट का सेवन करें। हार्मोनल असंतुलन की समस्या को कंट्रोल करने के लिए फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है। बाहर के प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर और ट्रांस फैट का सेवन करने से बचने के लिए कंट्रोल करें।
एक्सरसाइज करें
वजन घटाने के लिए नियमित एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज को डेली रूटीन का हिस्सा बनाने से हार्मोनल असंतुलन की समस्या से राहत मिल सकती है। ऐसे में कार्डियो एक्सरसाइज जैसे दौड़ना, साइकिलिंग और स्विमिंग करने से कैलोरी बर्न होती है और हार्मोनल संतुलन को बेहतर होता है।
पर्याप्त नींद
हार्मोनल असंतुलन की समस्या से परेशान लोगों को नींद का खास ध्यान रखना चाहिए। नींद की कमी से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ सकता है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है।
अगर, आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे राहत पाना चाहते हैं तो योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा बताए गए 3 योगासन करना इस समस्या से बहुत जल्दी राहत दिला सकते हैं।