आपने अक्सर सुना होगा कि रोज केवल एक सेब खाने से सेहत से जुड़ी कई परेशानियों से बचा जा सकता है। सेब का सेवन हमें एक साथ कई फायदे पहुंचाता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स हर उम्र के लोगों को खासकर गर्मी के मौसम में रोज एक सेब खाने की सलाह देते हैं। दरअसल, गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन के चलते गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं आम हो जाती हैं। वहीं, इस तरह की समस्यओं में सेब का सेवन सबसे अधिक फायदेमंद माना जाता है। सेब आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। ऐसे में कब्ज, डायरिया या खराब गट हेल्थ से जूझ रहे लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, इस तरह की समस्याओं से निजात पाने के लिए केवल सेब खाना ही नहीं, बल्कि इसे सही तरीके से खाना ज्यादा जरूरी है।
क्या है सही तरीका?
दरअसल, हाल ही में पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है। अपनी इस पोस्ट में दीपशिखा बताती हैं कि अगर आप सही तरीरे से सेब का सेवन करते हैं, तो ये कब्ज, डायरिया या खराब गट हेल्थ जैसी परेशानियों से निजात पाने में मददगार हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे-
कब्ज
न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, ‘अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो इसके लिए सेब को धोकर छिलके समेत इसका सेवन करें। सेब के छिलके में इनसोल्युबल फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो मल में मात्रा को जोड़ता है, इससे मल त्याग करना आसान हो जाता है और आपको कब्ज की परेशानी से निजात मिलती है।’
डायरिया
दीपशिखा जैन बताती हैं, ‘अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं, तो सेब को छीलकर खाएं। सेब को छीलकर खाने से इसमें पल्प और सोल्युबल फाइबर की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है, इससे आपका पाचन धीमा हो जाता है और आपको उल्टी-दस्त जैसी परेशानियों से राहत मिलती है।’
गट हेल्थ
इन सब से अलग न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि अगर आप अपनी गट हेल्थ को बेहतर करना चाहते हैं, तो इसके लिए सेब को पकाकर खाएं। सेब को पकाने से इसमें पेक्टिन की मात्रा बढ़ जाती है। पेक्टिन बॉडी में गुड बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे आपकी गट हेल्थ बेहतर रहती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
वहीं, दीपशिखा जैन के इस वीडियो को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक बातचीत के दौरान कंसल्टेंट डाइटिशियन और मधुमेह शिक्षक कनिक्का मल्होत्रा ने सहमति जताते हुए बताया, ‘सेब का छिलका अघुलनशील फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। इस प्रकार का फाइबर आंत में बल्किंग एजेंट की तरह काम करता है। यह पानी को अवशोषित करता है, जिससे मल का आकार और कोमलता बढ़ती है और यह अतिरिक्त मात्रा आंतों की दीवारों को सिकुड़ने और पाचन तंत्र के माध्यम से अपशिष्ट को अधिक कुशलता से धकेलने के लिए उत्तेजित करती है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है।’
कनिक्का मल्होत्रा आगे बताती हैं, ‘सेब का गूदा घुलनशील फाइबर, विशेषकर पेक्टिन से भरपूर होता है। घुलनशील फाइबर पानी में घुल जाता है, जिससे एक जेल जैसा पदार्थ बनता है। ये जेल मल में तरल पदार्थों को फंसाता है, स्थिरता जोड़ता है और आंतों के माध्यम से इसके मार्ग को धीमा कर देता है, जिससे दस्त के लक्षण कम हो जाते हैं। इसलिए, दस्त से पीड़ित व्यक्तियों के लिए, बिना छिलके वाले सेब खाना फायदेमंद हो सकता है।’
इन सब से अलग गट हेल्थ के लिए सेब का सेवन करने के लिए मल्होत्रा बताती हैं कि सेब को पकाने पर इससे पेक्टिन की मात्रा निकालने में आसानी होती है। वहीं, इस स्थिति में पेक्टिन एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है और आंतों में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ावा देता है। यानी सेब को छिलके के साथ खाना या छीलकर खाना और पकाकर खाना, ये तमाम तरीके फायदेमंद हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब अपने तरीके को चुन सकते हैं।’
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।