सुबह उठने के बाद अगर पेट पूरी तरह साफ न हो तो दिन भर कामकाज प्रभावित होता है और शरीर अनहेल्दी महसूस करता है। न काम में मन लगता है न कुछ खाने का मन करता है और पेट भी भरा हुआ, फूला-फूला रहता है। अच्छा पाचन तंत्र और साफ पेट हमारी सेहत की नींव है। गट यानी आंतों का स्वास्थ्य, सिर्फ पाचन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी इम्यूनिटी, एनर्जी लेवल और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। जब गट हेल्थ बिगड़ती है, तो कब्ज, ब्लोटिंग, पेट दर्द और कई बार गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

दरअसल, अक्सर लोग मल त्याग के दौरान ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो लंबे समय में आंतों और पेट की गंभीर बीमारियों की वजह बन जाती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, सुबह का समय मल त्याग के लिए सबसे बेहतर होता है, लेकिन गलत पोजीशन, ज्यादा जोर लगाना या देर तक टॉयलेट पर बैठना पाचन को खराब कर सकता है। यह आदतें कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती हैं। हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड और एम्स से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने 5 ऐसे महत्वपूर्ण टॉयलेट हैबिट्स शेयर किए हैं, जो आपकी गट हेल्थ को बेहतर बनाएंगे और पेट संबंधी समस्याओं से बचाएंगे।

टॉयलेट पर ज्यादा देर बैठने से बचें

डॉ. सेठी के मुताबिक, टॉयलेट पर ज्यादा देर बैठना और जोर लगाना आंत और गुदा क्षेत्र के लिए हानिकारक है। इससे हेमोरॉयड्स यानी बवासीर और एनल फिशर की समस्या हो सकती है। अगर, मल 10 मिनट में आसानी से न निकले तो बार-बार जोर लगाने के बजाय थोड़ी देर बाद पुनः कोशिश करनी चाहिए। इससे गट हेल्थ बनी रहती है और पाचन तंत्र पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता।

पेनकिलर का सीमित उपयोग करें

बार-बार पेनकिलर जैसे पेरासिटामोल और आइबुप्रोफेन लेना गट हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक इनके सेवन से आंतों में सूजन, अल्सर और ब्लीडिंग का खतरा रहता है। ये दवाएं आंतों के बैक्टीरिया का नेचुरल बैलेंस भी बिगाड़ देती हैं। जब भी दर्द निवारक की जरूरत पड़े, न्यूनतम खुराक और कम समय के लिए लें या डॉक्टर से वैकल्पिक इलाज के बारे में सलाह लें।

बॉवेल पैटर्न

हर व्यक्ति का बॉवेल पैटर्न अलग होता है। कुछ लोगों को रोजाना मल त्याग होता है, जबकि कुछ को हर 2-3 दिन में। नॉर्मल स्टूल नरम, आसानी से निकलने वाला और सॉसेज या स्नेक जैसे आकार का होना चाहिए। अगर अचानक कब्ज, दर्द या मल त्याग में बदलाव 3 दिन से ज्यादा बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लें।

फाइबर युक्त फूड्स लें

गट हेल्थ के लिए फाइबर सबसे अहम पोषक तत्व है। यह मल को मुलायम बनाता है और आसानी से बाहर निकलने में मदद करता है। डाइट में पर्याप्त मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और बीन्स शामिल करें। फाइबर आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है, जिससे पाचन और इम्यूनिटी मजबूत होती है। फाइबर लेने के साथ पर्याप्त पानी पीना जरूरी है, वरना कब्ज की समस्या हो सकती है।

मीठे ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड मीट कम करें

डॉ. सेठी के अनुसार, सोडा, शुगर ड्रिंक्स, सॉसेज, बेकन और हैम जैसी प्रोसेस्ड चीजें गट हेल्थ बिगाड़ती हैं। ये आंतों में सूजन पैदा करती हैं और अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बिगाड़ देती हैं। लंबे समय में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। इनके बजाय पानी, बिना चीनी वाला फ्रूट जूस और हर्बल टी का सेवन करें।

सही पोजीशन में बैठें

टॉयलेट पर बैठने की स्क्वाटिंग पोजीशन यानी पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर बैठना आंतों को रिलैक्स करती है और मल त्याग आसान बनाती है। इसके लिए आप स्टूल यानी छोटी चौकी का इस्तेमाल कर सकते हैं। डॉ. सौरभ सेठी के मुताबिक, गट हेल्थ को मजबूत बनाना सिर्फ डाइट से संभव नहीं, बल्कि सही टॉयलेट आदतों को अपनाना भी उतना ही जरूरी है।

वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।