Frozen food side effects: तेजी से भागती-दौड़ती इस दुनिया में हर इंसान वक्त की कमी से जूझ रहा है। भागदौड़ भरी दिनचर्या में लोगों के पास खुद के लिए भी समय नहीं बचता। कम समय में ज्यादा काम निपटाने की चाहत ने न सिर्फ हमारी लाइफस्टाइल बदली है, बल्कि खाने-पीने की आदतों को भी पूरी तरह से बदल दिया है। नतीजा अब ज्यादातर लोग पैकेज्ड, प्रोसेस्ड और फ्रोजन फूड्स जैसे रेडी-टू-ईट ऑप्शन्स की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर वे लोग, जिनकी दिनचर्या बेहद बिजी रहती है, इनके लिए फ्रोजन फूड्स किसी राहत से कम नहीं हैं। फ्रीजर से निकालिए, डीप फ्राई या एयर फ्रायर में गरम कीजिए और कुछ ही मिनटों में खाना तैयार, यही वजह है कि ये फूड्स इतने पॉपुलर हो गए हैं। फ्रोजन मटर, गोभी, ब्रोकली से लेकर पकोड़े और रेडी-टू-ईट पनीर करी तक, सब कुछ मिनटों में तैयार हो जाता है। हालांकि, इससे समय तो बचता है, लेकिन सेहत के लिहाज से यह आदत नुकसानदायक भी साबित हो सकती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फ्रोजन फूड्स का ज्यादा और नियमित सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। तो चलिए डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट अनु अग्रवाल से जानते हैं कि फ्रोजन फूड क्या है और इन्हें खाने के क्या नुकसान है…
फ्रोजन फूड्स क्या है?
हर खाने-पीने की चीज की एक तय शेल्फ लाइफ होती है और कुछ फल-सब्जियां ऐसी होती हैं, जो पूरे साल आसानी से उपलब्ध नहीं होतीं। ऐसे में इन्हें लंबे समय तक ताजा रखने के लिए ठंडे तापमान पर स्टोर किया जाता है। फ्रीज करने से इन खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और इन्हें ज्यादा समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि मटर, गाजर, ब्रॉकली, पालक और स्ट्रॉबेरी जैसी चीजों को फ्रीज करके रखा जाता है, ताकि ये खराब न हों और जरूरत के समय आसानी से इस्तेमाल की जा सकें।
क्या फ्रोजन फूड्स खाने लायक होते हैं?
डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट अनु अग्रवाल के अनुसार, फ्रोजन फूड्स पूरी तरह से खराब नहीं होते और इन्हें खाया जा सकता है, लेकिन इसकी एक शर्त है। अगर इनमें किसी तरह के प्रिजर्वेटिव्स या केमिकल्स नहीं मिलाए गए हों, तभी ये सेहत के लिए बेहतर माने जाते हैं। वह बताती हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक फ्रीजर में रखने से उनके पोषक तत्वों में कमी आ सकती है। यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि फूड को किस तरीके से फ्रीज किया गया है और उसे कितने समय तक स्टोर किया गया है। फ्रीज करने की प्रक्रिया के दौरान खासतौर पर पानी में घुलने वाले विटामिन्स, जैसे विटामिन C और विटामिन B, आंशिक रूप से नष्ट हो सकते हैं। ऐसे में फ्रोजन फूड्स का चयन करते समय उनकी प्रोसेसिंग और स्टोरेज से जुड़ी जानकारी पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि सेहत को होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
फ्रोजन फूड्स खाने के नुकसान
ज्यादा नमक और शुगर
स्वाद बनाए रखने और फूड को सुरक्षित रखने के लिए फ्रोजन फूड्स में नमक और चीनी की मात्रा अधिक होती है। ज्यादा सोडियम से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जबकि अतिरिक्त शुगर मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है। लंबे समय तक ऐसे फूड्स खाने से दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
पोषक तत्वों की कमी
फ्रीजिंग और प्रोसेसिंग के दौरान कई जरूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। खासतौर पर विटामिन-सी, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स और कुछ मिनरल्स की मात्रा काफी कम हो जाती है। इससे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता।
इंफेक्शन और फूड पॉइजनिंग का खतरा
अगर फ्रोजन फूड्स को सही तापमान पर स्टोर न किया जाए या एक्सपायरी डेट के बाद इस्तेमाल किया जाए, तो इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इससे फूड पॉइजनिंग, उल्टी-दस्त और पेट के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
फ्रोजन फूड्स खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?
फ्रोजन फूड्स खरीदते समय पैकेट पर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ना बहुत जरूरी है। सैचुरेटेड फैट, नमक और शुगर की मात्रा जरूर जांचें। कम फैट और कम नमक वाले विकल्प बेहतर होते हैं। हमेशा एक्सपायरी डेट देखें और वैधता अवधि के अंदर ही प्रोडक्ट खरीदें। ऐसे फ्रोजन फूड्स से बचें जिनमें बहुत ज्यादा सॉस और मसाले हों, क्योंकि इनमें शुगर और सोडियम अधिक होता है।
खाने से पहले सही तरीका अपनाएं
फ्रोजन सब्जियों को इस्तेमाल से पहले हल्के गर्म पानी में उबाल लें। रेडी-टू-ईट फूड्स को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं। अगर संभव हो तो फ्रोजन फूड्स को रोज की डाइट का हिस्सा न बनाएं और ताजी सब्जियों को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
फ्रोजन फूड्स का कभी-कभार इस्तेमाल ठीक है, लेकिन रोजाना इन पर निर्भर रहना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। संतुलित और ताजा भोजन ही अच्छी सेहत की असली कुंजी है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
