आंखें हमारी बॉडी का अहम अंग हैं जिनकी रोशनी न सिर्फ हमें रास्ता दिखाती हैं बल्कि हमारी जिंदगी को भी रोशन करती है। आंखों की देखभाल करना बेहद जरूरी है, लेकिन हम अपनी आंखों के लेकर बेहद लापरवाह होते जा रहे हैं। घंटों हम ऑफिस में लैपटॉप के साथ गुजारते हैं, बचा हुआ समय मोबाइल और बाकी गैजेट्स के साथ गुजारते हैं। हम अपनी आंखों से बेहद काम ले रहे हैं। दिन का 11-12 घंटे हम स्क्रीन के साथ गुजारते हैं। आखिर इतना दबाव आंखें कैसे झेल पाएंगी। कम उम्र में ही बच्चों की आंखें कमजोर हो रही हैं और उन्हें चश्मा लगाना पड़ता है।

उम्र बढ़ने के साथ आंखों का कमजोर होना नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन आजकल 30 साल की उम्र के बाद ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है। कुछ बीमारियों जैसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी क्रॉनिक स्थिति हमारी आंखों की हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। हाई ब्लड शुगर का स्तर रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी हो सकती है। इसी तरह हाई ब्लड प्रेशर भी आंखों की ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आंखों से जुड़ी परेशानियों का खतरा बढ़ने लगता है।

30 साल की उम्र के बाद अगर हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल नहीं अपनाया जाए तो बॉडी में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं जिसका असर आंखों पर भी पड़ता है। अगर आप अपनी आंखों को हेल्दी रखना चाहते हैं तो आंखों की गंभीर समस्याएं शुरू होने से पहले आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर अपनी आंखों की रोशनी तेज रख सकते हैं। कुछ आसान टिप्स आपकी आंखों को 50 साल तक हेल्दी रख सकते हैं और आप बिना चश्मे के भी आराम से सब कुछ देख सकते हैं। आइए जानते हैं कि आंखों की देखभाल कैसे करें।

कमरे में रोशनी की करें खास व्यवस्था

अगर आप चाहते हैं कि आपकी आंखों की लम्बी उम्र तक रोशनी कायम रहे तो आप पढ़ते समय और सिस्टम पर काम करते समय रोशनी की ठीक व्यवस्था रखें। तेज़ रोशनी और चकाचौंध से बचें, क्योंकि ये हमारी आंखों पर दबाव डाल सकती हैं। आप पढ़ने के लिए सॉफ्ट डेस्क लैंप का इस्तेमाल करें। इससे आंखों की थकान को कम करने में मदद मिल सकती है।

धूप का चश्मे पहने

आंखों को नुकसान से बचाना है तो घर से बाहर निकलते हुए आप आंखों पर सन ग्लास का इस्तेमाल करें। आंखों पर धूप से बचाव का चश्मा लगाने से सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाव होता है। लंबे समय तक यूवी किरणों के संपर्क में रहने से मोतियाबिंद और आंख से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के मुताबिक आप घर से बाहर निकलते ही धूप का चश्मा पहने। सन ग्लास पहनने से UVA और UVB किरणों से 100% बचाव होता है।

आंखों के लिए एक्सरसाइज कीजिए

बॉडी को एक्टिव रखना ओवर ऑल हेल्थ के लिए जरूरी है। एक्सरसाइज करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है जो हमारी आंखों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ा सकता है और बॉडी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक नियमित शारीरिक गतिविधि उम्र से संबंधित मैक्यूलर डिजनरेशन और डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकास के कम जोखिम से जुड़ी है। पैदल चलना, जॉगिंग या योग जैसी गतिविधियों को अपनी डेली रूटीन में शामिल करने से हमारी आंखों की हेल्थ दुरुस्त रहती है।

हेल्दी डाइट का करें सेवन

आंखों को हेल्दी रखना चाहते हैं तो डाइट में विटामिन और खनिजों से भरपूर डाइट का सेवन करें। डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ल्यूटिन, जिंक और विटामिन सी और विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें। इस डाइट का सेवन करके उम्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है और लम्बी उम्र तक आपकी आंखों की रोशनी बरकरार रहेगी। आयु-संबंधित आई डिजीज (AREDS) के अनुसार इन पोषक तत्वों से भरपूर डाइट मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को कम कर सकती है। आंखों को हेल्दी रखने के लिए आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां, मछली, नट्स और खट्टे फलों का सेवन करें।