डायबिटीज एक ऐसी गंभीर समस्या है जो एक बार शरीर को जकड़ ले, तो धीरे-धीरे कई बीमारियों का कारण बन जाती है। इसलिए शुगर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ऐसे में शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए खानपान पर बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है। डिजिटल कंटेंट क्रिएटर जस्टिन रिचर्ड भी टाइप 1 डायबिटिक और टाइप 2 डायबिटीज से बचने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उनके परिवार में डायबिटीज की समस्या बहुत आम है। इसको लेकर जस्टिन रिचर्ड समय-समय पर ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर से शुगर लेवल चेक करते रहते हैं और इसकी अपडेट अपने इंस्टाग्राम पर भी शेयर करते हैं।
पॉपकॉर्न और कैंडी से बढ़ता है शुगर?
ऐसी ही एक पोस्ट में उन्होंने दिखाया कि कैसे देर रात के नाश्ते ने उनके ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ा दिया। रात के खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल में थोड़ी सी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद उन्होंने एक फिल्म देखी और फिल्म देखने के साथ कारमेल-कोटेड पॉपकॉर्न का मजा लिया, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने ब्लड शुगर लेवल में ज्यादा बढ़ोतरी पाई। ऐसे में क्या देर रात को नाश्ता या स्नैक शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं? क्या चिप्स, पॉपकॉर्न और कैंडी जैसे स्नैक्स ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मुंबई के लीलावती अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डॉ. वीना पाई ने कहा कि दिन चढ़ने के साथ शरीर की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम हो सकती है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए जिम्मेदार है। इसका मतलब है कि जब आप देर रात को जंक फूड या स्नैक्स खाते हैं, तो शरीर उनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और चीनी को प्रभावी ढंग से संसाधित नहीं कर पाता है। चिप्स, पॉपकॉर्न और कैंडी जैसे स्नैक्स रक्त शर्करा यानी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि इनमें कोलेस्ट्रॉल, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम और चीनी अधिक होती है।
नारायण अस्पताल में डायबिटीज और एंडोक्राइनोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. हृदिश नारायण चक्रवर्ती ने कहा कि रात में देर से खाना खाने से ब्लड शुगर लेवल में ज्यादा वृद्धि होती है, क्योंकि इस दौरान शरीर की प्राकृतिक इंसुलिन संवेदनशीलता कम होती है। डॉ. चक्रवर्ती ने कहा कि जब भोजन करते हैं, खासकर चीनी या सरल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर स्नैक्स, तो शरीर इन फूड्स को ग्लूकोज में तोड़ देता है जो फिर ब्लड फ्लो में प्रवेश करता है। दरअसल, शरीर की सर्कैडियन लय जो विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को कंट्रोल करती है, शाम को चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देती है। ऐसे में शरीर ग्लूकोज को संसाधित करने में उतना कुशल नहीं होता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है जो रात भर बना रह सकता है।
इसके साथ ही देर रात को बार-बार नाश्ता करने से इंसुलिन प्रतिरोध, वजन बढ़ना और टाइप 2 मधुमेह यानी डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ सकता है। डॉ. पाई के अनुसार, इससे नींद में गड़बड़ी, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर का लेवल और हार्ट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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