उम्र बढ़ने के साथ-साथ हेल्थ से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने लगती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी 79 साल के हो चुके हैं और उम्र बढ़ने के साथ वह भी नसों से जुड़ी एक बीमारी से जूझ रहे हैं। इन दिनों राष्ट्रपति ट्रंप की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें उनके हाथ पर निशान और सूजन साफ दिखाई दे रही है। तस्वीरें वायरल होने के बाद व्हाइट हाउस ने संबंध में जानकारी दी है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार यानी 17 जुलाई को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसके चलते उनके पैरों में सूजन आ गई है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि ट्रंप क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी से जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने टखनों में हल्की सूजन दिखाई देने के बाद पैरों के अल्ट्रासाउंड से क्रोनिक शिरापरक बीमारी का पता चला है। हालांकि, ये एक सामान्य स्थिति है, खासकर 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में देखी जाती है।

लेविट ने कहा कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस या धमनी रोग जैसी अधिक गंभीर स्थितियों का कोई लक्षण नहीं मिला। ट्रंप को इस स्थिति के कारण कोई परेशानी महसूस नहीं हो रही है। लेविट ने कहा कि बार-बार हाथ मिलाने और एस्प्रिन के इस्तेमाल की वजह से उनके हाथ के टिश्यू पर असर पड़ा है। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप को नसों के अलावा किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ हेल्थ की मेडलाइनप्लस वेबसाइट के अनुसार, “शिरा अपर्याप्तता एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नसों को पैरों से हार्ट तक खून भेजने में समस्या होती है। इस समस्या का अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह स्थिति समय के साथ बदतर होती जाती है। ऐसे में इस समस्या का तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाए, तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

क्रॉनिक वीनस इनसफिशिएंसी के लक्षण

  • पैरों और टखनों में सूजन
  • खड़े रहने या चलने पर दर्द, ऐंठन और भारीपन
  • त्वचा में बदलाव से खुजली-झुनझुनी
  • त्वचा का रंग बदलना, भूरापन, मोटी त्वचा
  • उभरी, मोड़ी हुई नसें
  • टखनों के आसपास दर्दनाक घाव

क्या है क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी

क्रॉनिक वीनस इनसफिशियंसी (Chronic Venous Insufficiency – CVI) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पैरों की नसों में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता, जिससे पैरों में सूजन, दर्द और त्वचा में बदलाव हो सकते हैं। यह स्थिति तब होती है, जब नसों में मौजूद वाल्व ठीक से काम नहीं करते, जिससे रक्त पैरों में जमा होने लगता है और फिर सूजन होने लगती है।  

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस समस्या का अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए, तो क्रोनिक सूजन स्वस्थ कोशिकाओं, टिश्यू और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आंतरिक घाव, टिश्यू के नष्ट होने और पहले से स्वस्थ कोशिकाओं में मौजूद डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती है। यह कैंसर या टाइप-2 डायबिटीज जैसी संभावित स्थितियों को बढ़ावा दे सकती है।