डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिनके मरीजों की संख्या में देश और दुनिया में तेजी से इज़ाफा हो रहा है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक दुनिया भर में डायबिटीज मरीजों की संख्या 537 मिलियन तक पहुंच गई है जिसमें 20 साल से 79 साल तक की उम्र के लोग शामिल हैं। पूरी दुनिया में डायबिटीज मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में हैं। WHO के मुताबिक दुनिया भर में 44.2 करोड़ डायबिटीज रोगी हैं। दुनिया में चीन में डायबिटीज मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। चीन के बाद भारत को डायबिटीज का हब कहा जाता है, जहां सबसे ज्यादा डायबिटीज मरीजों की संख्या है। अकेले भारत में डायबिटीज मरीजों की बात करें तो 2030 तक भारत में आठ करोड़ से ज्यादा आबाजी मधुमेय की शिकार होगी।
डायबिटीज खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का नतीजा है। तनाव इस बीमारी को ट्रिगर करता है। भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जो प्री डायबिटीज हैं लेकिन वो इस बीमारी से अनजान है। डायबिटीज की बीमारी में पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है या कम कर देता है जिससे ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। आप भी डायबिटीज से परेशान हैं और इसके जोखिम से बचना चाहते हैं तो हमसे लाइव बातचीत करें। हम आपको डायबिटीज की हर स्थिति, हर पहलू की जानकारी देंगे। डायबिटीज में कैसी डाइट लें, कैसा खान-पान रखें और कैसे इसे कंट्रोल रखें हर तरह की जानकारी आप लाइव चेट पर लें।
डायबिटीज कंट्रोल करना चाहते हैं तो डाइट में कार्ब्स का सेवन कंट्रोल करें।
शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप डाइट में कच्चा केला,लीची,अनार और एवोकाडो जैसे फलों का सेवन करें।
शुगर को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता बस इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसे कंट्रोल करने के लिए काली मिर्च, साबुत अनाज और करेले का सेवन करें।
ब्लड शुगर लम्बे समय तक हाई होने से वजन कम होने लगता है। हाथ-पैरों में सुन्नपन होने लगता है और आंखें कमजोर होने लगती हैं।
ब्लड में शुगर का स्तर ज्यादा होने से दिल,किडनी और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए आप बॉडी को एक्टिव रखें और कुछ आयुर्वेदिक हर्ब का सेवन करें। दालचीनी का सेवन करने से ब्लड शुगर नॉर्मल रहता है।
कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि सफेद चावल का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है।
हां, ब्लड शुगर का ये स्तर खतरनाक हो सकता है। इसे हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है। ये जितना ज्यादा होता है उतना ज्यादा खतरनाक होता है।
अगर आपका ब्लड शुगर 250 mg/dL से ऊपर है तो आप यूरिन में किटोंस की जांच कराएं।
अगर ब्लड शुगर 200 mg/dL से ऊपर चला जाए तो परेशानी की बात है। 300 mg/dL से ऊपर चला जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है।
अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा है तो आपका फॉस्टिंग शुगर 90 से 130 mg/dl होना चाहिए और खाने के बाद 150 mg/dl होना चाहिए।
खाली पेट ब्लड शुगर का स्तर 70 से 100 mg/dl के बीच होना नॉर्मल है। खाने के दो घंटे बाद शुगर का स्तर 140 mg/dl से कम होना चाहिए। इस रेंज से ज्यादा शुगर का स्तर हाई ब्लड शुगर की श्रेणी में आता है।
डायबिटीज से पीड़ित लोग हर 3 से 6 महीने में यह टेस्ट करा सकते हैं। इस टेस्ट के लिए किसी तैयारी की जरूरत नहीं है।
ब्लड शुगर की जांच के लिए फॉस्टिंग और पोस्ट मील शुगर टेस्ट होता है। आप पिछले तीन महीनों में ब्लड शुगर की स्थिति का पता लगाना चाहते हैं तो HBA1C टेस्ट करा सकते हैं।
Type-2 डायबिटीज के लक्षणों की बात करें तो बहुत ज्यादा प्यास लगना,भूख ज्यादा लगना, यूरिन का ज्यादा डिस्चार्ज होना मुख्य लक्षण हैं।
डायबिटीज दो तरह की होती है एक टाइप-1 और दूसरी टाइप-2। टाइप-2 डायबिटीज खराब डाइट,बिगड़ते लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से पनपती है।
डायबिटीज को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ सकता है। ये पैरों और पंजों पर अटैक कर सकती है।
डायबिटीज की बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम होना है।