सारा दिन की थकान के बाद पैरों में दर्द होना लाज़मी है। पूरा दिन भागने- दौड़ने से और खड़े रहने से पैरों की मांसपेशियों में दर्द हो जाता है। ऐसे में पैरों को आराम देने के लिए गर्म पानी से पैरों को भिगोना (foot soaking)बेहद सुकून भरा और फायदेमंद होता है। पैरों को गर्म पानी में डालने से पैरों की सिकाई होती है और दर्द से राहत मिलती है। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए गर्म पानी में पैरों को भिगोना नुकसानदायक हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को पैरों से संबंधित कई बीमारियों का खतरा होता है, इसलिए उनके लिए गर्म पानी में पैरों को भिगोना नुकसानदायक हो सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए गर्म पानी में पैरों को भिगोना कैसे नुकसानदायक हो सकता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए गर्म पानी में पैरों को भिगोना क्यों नुकसानदायक है?
डायबिटीज के मरीजों को पैरों की बीमारियां जैसे तंत्रिका क्षति (nerve damage),कॉर्न्स (corns)और कॉलस (calluses)का जोखिम ज्यादा होता है। पैरों में होने वाली इस दिक्कत को डायबिटीज पेरीफेरल न्यूरोपैथी (diabetic peripheral neuropathy)के नाम से भी जाना जाता है। डायबिटीज़ में तंत्रिकाओं को नुक़सान पहुंचने की वजह से हाथों-पैरों में झुनझुनी, चुभन और सुन्न होने जैसी तकलीफ़ें होने लगती हैं जिसे डायबिटीज पेरीफेरल न्यूरोपैथी कहते हैं।
इस स्थिति में डायबिटीज के मरीजों को पैरों में दर्द, सर्दी और गर्मी का अहसास नहीं होता जिसकी वजह से पैरों में कई तरह की चोट (foot injury) लगने लगती हैं। ऐसे में मरीज का पैरों में सेंसेशन खतम हो जाता है और उनके पैरों पर चोट (foot injury) और अल्सर (ulcer)की बीमारी हो सकती है। तंत्रिका क्षति (Nerve damage)या न्यूरोपैथी (neuropathy)भी आपके पैरों और पैर की उंगलियों के आकार में बदलाव ला सकती है। इस परेशानी में पैर की चोटों का खतरा अधिक होता है।
गर्म पानी में पैरों को भिगोने से होने वाली बीमारियां:
न्यूरोपैथी: (Neuropathy)
न्यूरोपैथी एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसें ख़राब होने लगती हैं, जिससे पैरों को भिगोने वाले पानी के तापमान का अंदाज़ा नहीं होता। संवेदना की कमी से पैरों की स्किन में चोट लगने या जलने का खतरा होता है। अगर आप अपने पैरों को बहुत गर्म या बहुत ठंडे पानी में भिगोते हैं तो फुट अल्सर होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
फंगल संक्रमण: (Fungal infections)
डायबिटीज के मरीजों के पैरों में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा अधिर रहता है। पैरों का संक्रमण पैरों की ठीक से सफाई नहीं करने की वजह से और पैरों को ठीक से नहीं सुखाने की वजह से होता है। ये संक्रमण पैरों की उंगलियों के बीच में होता है। डायबिटीज के मरीज जब पैरों को गर्म पानी में भिगोते हैं तो ठीक से सुखाते नहीं है जिससे फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। ये संक्रमण गंभीर संक्रमण बन सकता है।
ड्राई पैर: (Dry feet)
न्यूरोपैथी वाले डायबिटीज के मरीजों की पैरों की स्किन बेहद ड्राई होती है। न्यूरोपैथी पैरों की स्किन को ड्राई बना देती है।डायबिटीज के मरीज अगर पैरों को पानी में डुबोकर रखते हैं तो उनके पैरों की स्किन और भी ज्यादा रूखी हो सकती है। गर्म पानी आपकी त्वचा पर मौजूद नैचुरल ऑयल (natural oils)को दूर कर देता है और ड्राईनेस को बढ़ाता है। ऐसी ड्राई स्किन में क्रेक पड़ने का खतरा ज्यादा होता है जिससे फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा अधिक होता है।