डायबिटीज को चिकित्सीय शब्द में हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है। मधुमेह की यह बीमारी तब होती है, जब शरीर इंसुलिन हार्मोन बनाने में समर्थ नहीं रह पाता या फिर उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता। शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जो कई बार रोगी के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल काबू में रखना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करके प्री-डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है। हावर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ऐसे 5 तरीके बताए हैं, जिन्हें आप अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर सकते हैं।

खानपान में बदलाव: हावर्ड द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी डाइट को ठीक कर टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को टाला जा सकता है। डाइट में हेल्दी फैट शामिल करें। साथ ही लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट आदि के सेवन से बचें। आप चाहें तो अपनी डाइट में नट्स, बीन्स, पोल्ट्री या फिर साबुत अनाज को शामिल कर सकते हैं।

वजन को रखें नियंत्रित: अक्सर मोटापा डायबिटीज का कारण बनता है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि पेट की चर्बी फैट सेल्स के प्रो-इंफ्लेमेट्री केमिकल्स को छोड़ने का कारण बनती हैं, जिससे शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील बनता है।

धूम्रपान को कहें ना: धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों को 50 प्रतिशत मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान का सेवन करने से बचें। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को धूम्रपान का सेवन करने से मना करते हैं।

शराब: हावर्ड एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार जो लोग शराब का सेवन करते हैं, उन्हें तुरंत शराब का सेवन कम कर देना चाहिए। क्योंकि इससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।

रहें एक्टिव: कोई शारिरिक गतिविधि ना करने के कारण भी लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ऑस्ट्रेलियन रिसर्च में दावा किया गया है कि बहुत देर तक एक ही कुर्सी या बेंच पर बैठे रहने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है। ऐसे में लोगों को नियमित तौर पर व्यायाम करना चाहिए।