शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं। डायबिटीज यानी मधुमेह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को काबू में रखना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि बॉडी में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने पर हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और स्ट्रोक समेत कई तरह की जानलेवा समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खानपान डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि मधुमेह के रोगियों के अपने खानपान के प्रति अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।

डायबिटीज की बीमारी में भुने हुए चने का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। सर्दियों के मौसम में यह बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर भुने चने में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी-खासी मात्रा होती है, जो ना केवल खून में ग्लूकोज के स्तर को काबू में रखता है बल्कि कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।

डायबिटीज के मरीज इस तरह कर सकते हैं सेवन: भुने हुए चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। अन्य खाद्य पदार्थों के मुकाबले इसका सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर काबू में रहता है। इसलिए ही विशेषज्ञ मधुमेह के रोगियों को भुने चने का सेवन करने की सलाह देते हैं। आप चाहें तो मुट्ठी भर चने का सेवन पूरे दिन में किसी भी समय कर सकते हैं।

इन बीमारियों से भी दिलाता है छुटकारा-

पाचन तंत्र को करता है दुरुस्त: सर्दियों के मौसम में भुने हुए चने का नियमित तौर पर सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। क्योंकि चने में फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा पाई जाती है, जो कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है।

कंट्रोल करे वजन: भुना चना वजन को भी कंट्रोल करने में कारगर है। इसमें कैलोरी काफी कम मात्रा में पाई जाती है। भुने चने का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आपको जल्दी भूख नहीं लगती। आप चाहें तो स्नैक्स के तौर पर इसका सेवन कर सकते हैं।

हड्डियों को करता है मजबूत: भुने चने में कैल्शियम की भी अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।