दुनियाभर में डायबिटीज के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जहां पहले केवल बुजुर्ग ही मधुमेह की चपेट में आते थे, वहीं आज युवा भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज की स्थिति तब पैदा होती है, जब बॉडी में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं हो पाता। मधुमेह के कारण खून में ग्लोकूज का स्तर अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता है। मेडिकल टर्म में हाई ब्लड शुगर लेवल को हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है। शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने के कारण हार्ट अटैक, गुर्दे फेल होना और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति भी पैदा हो सकती है।

वर्तमान समय में खराब खानपान, अव्यवस्थित जीवनशैली, अनुवांशिकता और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह के रोगियों को अपने खानपान के प्रति अधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।

मधुमेह का खतरा बढ़ाते हैं चावल और गेहूं: हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि चावल और गेहूं के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ता है। क्योंकि इन चीजों पर हमारी निर्भरता के कारण खाने में कार्बोहाइड्रेट का स्तर बढ़ रहा है। मनुष्य का शरीर कार्बोहाइ़ड्रेट को तोड़ देता है, जिसके कारण खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए चावल और गेहूं का अधिक सेवन करने से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो डायबिटीज के मीरज अपनी तीन आदतों में बदलाव करके ब्लड शुगर लेवल को काबू में रख सकते हैं।

कार्ब्स: डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्ब्स का अधिक सेवन ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को अपने दैनिक आहार में कैलोरी और कार्ब्स का आकलन करना चाहिए। अगर आप डायबिटीज की शुरुआती स्टेज पर हैं तो अपनी डाइट में कार्ब्स को 50 प्रतिशत तक कम कर देना चाहिए।

तनाव: हेल्थ एक्सपर्ट्स सोने से पहले एक घंटा टहलने की सलाह देते हैं। क्योंकि इससे तनाव को मैनेज करने में मदद मिलती है। साथ ही सुबह उठकर भी टहलना चाहिए। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ दूर होते हैं।

कोर स्ट्रेंथ: रिसर्च के अनुसार जिन लोगों की कोर स्ट्रेंथ बेहतर होती है, उनमें डायबिटीज का खतरा 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है। साथ ही ब्रेन स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक का जोखिम भी नहीं रहता। इसलिए एक्सरसाइज के जरिए कोर स्ट्रेंथ को मजबूत करना बेहद ही जरूरी है।