Health Benefits of Ghee In Winter: आजकल बाजार में क्रीम, बटर, जेली सहित कई चीजें आती हैं जिनका इस्तेमाल लोग घी की जगह करते हैं। लेकिन आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि बाजार में मिलने वाली ये चीजें शुद्ध देसी घी की जगह कभी नहीं ले सकती, क्योंकि इन सबसे कई तरह के नुकसान हैं। इन चीजों में फैटी एसिड टूट जाता है जो शरीर में फैट को बढ़ा देता है। दूसरी ओर अगर आप सर्दी में देसी घी का इस्तेमाल करते हैं तो यह सर्दी में शरीर के लिए गर्माहट की मशीन बन जाता है।
हालांकि अगर इसका सही तरीके से सेवन करेंगे तभी यह सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकेगा। पहले के जमाने में देसी घी खाकर ही लोग शारीरिक रूप से मजबूत होते थे। जिन लोगों का शरीर सुडौल और मजबूत होता था, माना जाता था कि उसने देसी घी का सेवन ज्यादा किया है। हालांकि आज शुद्ध देसी घी मिलना दुर्लभ हो गया है।
देसी घी है क्या?
सबसे पहले यह समझ लीजिए कि देसी घी है क्या? देसी घी का मतलब शुद्ध रूप से वह घी है जिसे गाय या भैंस के दूध से मलाई निकालकर उसे हल्का मथा जाता है और चूल्हे पर हल्की आंच में इसमें से घी निकाला जाता है। बाजार में भी बहुत से घी आते हैं लेकिन इसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। इसका कारण है यदि मलाई को गर्म करते समय बहुत तेज आंच लगाई जाय तो घी की रासायनिक संरचना टूट जाती है जिससे यह शुद्ध नहीं रह पाता। बाजार में मिलने वाले घी के साथ यह समस्या है। इसलिए यदि आप दूध लेते हैं तो इसमें से मलाई निकालिए और इससे ही खुद ही शुद्ध घी तैयार कीजिए। बाकी बटर या चीज जैसी चीजें फैट को बढ़ाती है।
सर्दी में क्यों करना चाहिए घी का सेवन
घी भी फैट का स्रोत है, लेकिन घी में मीडियम फैटी चैन वाला फैट होता है। यह फैटी चेन बहुत आसानी से पच जाता है और यह हेल्दी भी होता है। चूंकि हमारे लिए हेल्दी फैट बहुत जरूरी है, इसलिए यह हेल्दी फैट का उत्तम स्रोत है। इस तरह के देसी घी में कई तरह के विटामिन, हेल्दी फैट, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनिरल्स होते हैं। ये सब शरीर में इमयुनिटी को बढ़ाते हैं। शुद्ध देसी घी में हेल्दी फैट होने के कारण यह हार्ट के लिए भी फायदेमंद होता है। घी में विटामिन ए, विटामिन डी और विटामिन ई भी होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। एक तरह से सीमित मात्रा में घी का सेवन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है।
घी का कैसे करें सेवन
अब सबसे जरूरी बात यह है कि घी का सेवन किस तरह से किया जाए। पुराने जमाने में लोग गर्म-गर्म रोटियों पर थोड़ा सा घी को रख देते थे। रोटियों की गर्माहट से घी भी उसपर पिघलकर पूरी रोटी पर पसर जाता था। घी खाने का सबसे बेहतर तरीका यही है। लेकिन यदि आप घी को ज्यादा गर्म करेंगे तो उसमें से फैटी चेन टूट जाएगा जिससे उसकी रासायनिक संरचना बिगड़ जाएगी। इससे फायदे की जगह नुकसान होगा। इसे खाने का बेहतर तरीका यही है कि घी को मामूली पिघलाएं और रोटी या दाल में डाल दें।
अगर आप सब्जी में डालते हैं तो जब सब्जी चूल्हा से उतर जाए तो इसमें घी मिला दें। किसी भी हाल में घी को ज्यादा गर्म न करें। घी की तासीर बहुत गर्म होती है. इसलिए यदि आप सर्दी में गर्म दूध में घी मिलाकर पीते हैं तो इसका ज्यादा फायदा मिलेगा। वहीं अगर इसमें आप हल्दी मिला देंगे तो इससे कई तरह की बीमारियों भी नहीं होंगी। हालांकि घी का एकदम सीमित सेवन करना चाहिए। एक दिन में दो से तीन चम्मच घी से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए।