अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान की गलत आदत धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला बना रही हैं। इसके चलते व्यक्ति को कई बीमारियां घेरना शुरू कर देती हैं, इन्हीं बीमारियों में से एक है डायबिटीज, जो इस वक्त दुनियाभर के लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। डायबिटीज के दो टाइप हैं, टाइप 1 जो अनुवांशिक होती है और टाइप 2 जिसके पीछे हेल्थ एक्सपर्ट्स इन्हीं दो आदतों को अहम कारण बताते हैं।

क्यों होती है डायबिटीज?

खानपान में गड़बड़ी और शारीरिक स्थिरता के चलते पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम करने लगता है। बॉडी में इंसुलिन की मात्रा कम होने से शुगर का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिससे शुगर ब्लड में जमा होना शुरू हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।

वहीं, अगर आप भी इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको एक ऐसी खास टी के बारे में बता रहे हैं, जिसका नियमित सेवन नेचुरल तरीके से इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ावा देकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है।

कैसे तैयार करें ये खास चाय?

दरअसल, हम यहां क्यूमिन टी यानी जीरा चाय की बात कर रहे हैं। इसे बनाने के लिए 1 चम्मच जीरे को 1 गिलास पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए। इसके बाद पानी को छानकर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।

कैसे है असरदार?

कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि मधुमेह रोगियों के लिए जीरा का सेवन बेहद फायदेमंद हो सकता है। जीरा में पर्याप्त मात्रा में थाइमोक्विनोन पाया जाता है, जो बॉडी में नेचुरल तरीके से इंसुलिन बनाने में मदद करता है। वहीं, शरीर में इंसुलिन की सही मात्रा होने के चलते ब्लड शुगर खुदबखुद नियंत्रणित रहता है। ऐसे में इसकी चाय का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

और भी हैं कई फायदे

  • जीरा की चाय का सेवन डायबिटीज को कंट्रोल करने से अलग वेट लॉस में भी मददगार है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी और कैलरी को बर्न करने में मदद मिलती है।
  • जीरा की चाय अनियमित पीरियड्स की समस्या में भी लाभकारी है। साथ ही इसके सेवन से पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द में भी राहत मिलती है।
  • इन सब के अलावा ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी क्यूमिन टी का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है, जिससे हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।