शुगर की बीमारी बेहद आम होती जा रही है। इस बीमारी में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है, जिसके कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति का खतरा भी बढ़ जाता है। ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से हार्ट डिजीज, स्किन खराब होना, किडनी का ठीक प्रकार से काम न करना आदि ​कई अन्य बीमारियों का जन्म होता है। डायबिटीज के चलते लोग ऐसी जिंदगी जीने लग जाते हैं जिसमें न स्वाद है और न ही हेल्थ है। स्वास्थ्य विषेशज्ञों की मानें तो मधुमेह का कोई इलाज भी नहीं है।

मधुमेह बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने से कई गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। ब्लड शुगर को ‘धीमा जहर’ भी कहा जाता है। इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में लगभग 7 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। ब्लड शुगर बढ़ने से नजर में धुंधलापन, बहुत ज्यादा थकान होना और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं आम होने लगती हैं।

सुनने की क्षमता कम होना: डायबिटीज़ की बीमारी तब होती है जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पता, नतीजतन आपके खून में ग्लूकोज़ या शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल की वजह से कई समस्याएं हो सकती है,। जिससे व्यक्ति को सुनने में परेशानी हो सकती है। ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर बढ़ने से और ब्लड लिपिड के कारण कान के अंदरूनी हिस्से में ब्लड वेसल में ब्लॉकेज आ जाती है जिससे व्यक्ति को सुनाई देना बंद हो जाता है।

ज़्यादातर लोगों को शुरुआत में खुजली महसूस होती है, जिससे किसी एक कान में असामान्य आवाज़ सुनाई पड़ सकती है और धीरे-धीरे सुनने की क्षमता पूरी तरह से कम हो सकती है। यह स्थिति विशेषकर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में दिखायी पड़ती है और जिनका ब्लड शुगर लेवल भी अनियंत्रित है। उनमें भी यह समस्या होती है।

हरी सब्जियों का सेवन करें: डायबिटीज के मरीजों को हरी सब्जियों यानी पालक, करेला, लोकी और गोभी का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इनमें विटामिन, बीटा कैरोटीन और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। इससे शुगर लेवल संतुलित बना रहता है। साथ ही सेहत भी अच्छी बनी रहती है।