आजकल दुनियाभर में मधुमेह की समस्या से हर कोई पीड़ित है। ऐसे में इससे बचने के लिए लोग हर संभव कोई न कोई प्रयास करते रहते हैं। डायबिटीज होने का मुख्य कारण मानसिक तनाव, शारीरिक परिश्रम और बदलते जीवनशैली को माना गया है। इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति को अपनी लाइफस्टाइल के साथ- साथ अपने रोजमर्रा के खानपान पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में सबसे ज्यादा डायबिटीज कम उम्र के लोगों में पाया जाता है। बदलते परिवेश और खान पान के चलते कम उम्र के लोग इसके शिकार हो रहे हैं। बता दें की बॉडी में जब पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन कम कर दे या फिर शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल ना कर पाए तो लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए लोगों द्वारा दवाइयों के साथ- साथ घरेलू नुस्खे भी अपनाएं जाते हैं। ऐसे ही एक घरेलू नुस्खा है जिसमें आंवला और एलोवेरा को अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल करके काफी हद तक डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने के साथ-साथ हार्ट, किडनी, लिवर को हेल्दी रखने में कारगर है।
कैसे फायदेमंद है एलोवेरा: एलोवेरा में ऐसमैनन (Acemannan) नामक तत्व पाया जाता है, जिसमें हाइपोग्लाइसेमिक (ग्लूकोज को कम करने वाला) प्रभाव होता है। इसके अलावा एलोवेरा में कई अन्य यौगिक भी होते हैं जैसे कि हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
आंवले का उपयोग: यह फल शरीर में इंसुलिन को एक्टिव करता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी घटाता है। आंवले का जूस ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। आंवले में पॉलीफेनोल होते हैं जो कि हाई ब्लड शुगर से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं।
कैसे करें उपयोग: आंवला पाउडर के साथ एलोवेरा: दोनों को बराबर मात्रा में लेकर खाली पेट सेवन करें। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के साथ मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा रोजाना सुबह खाली पेट एलोवेरा के जूस का सेवन करना चाहिए। इसकी मात्रा ज्यादा नहीं बल्कि थोड़ी सी होनी चाहिए। स्वाद को बदलने के लिए इसमें थोड़ा सा आवंला का जूस भी मिला सकते हैं।
नुकसान: एलोवेरा का अधिक उपयोग कई बार शरीर को कुछ नुकसान भी पहुंचा सकता है। जैसे कि डायरिया (दस्त), हाइपोकैलीमिया (पोटेशियम का कमी), किडनी (गुर्दा) फेलियर, फोटोटॉक्सिसिटी और हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन यानी त्वचा संबंधी एलर्जी, जिसमें त्वचा में जलन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। किसी भी घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खों के इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।