दालों को प्रोटीन और पोषक तत्वों का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। ऐसी में उड़द की दाल भी शामिल है। उड़द की दाल शरीर को ऊर्जा प्रदान करने और मजबूत बनाने में सहायक है। यह दाल आयरन, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है। उड़द की दाल भारतीय रसोई में एक मुख्य फूड है जो न केवल खाने में स्वाद, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है।

उड़द की दाल के पोषक तत्व

उड़द की दाल में चिपचिपा या लसलसापन ही इसे विशेष बनाता है। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के मुताबिक, उड़द में बेहतर कैलोरी के अलावा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, एडिबल फाइबर, फोलेट, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक सहित कई अन्य विटामिन्स व मिनरल्स पाए जाते हैं।

पाचन में सुधार

घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर उड़द की दाल स्वस्थ पाचन तंत्र को बढ़ावा देती है। यह कब्ज, दस्त, ऐंठन और सूजन जैसी पाचन समस्याओं को कम करती है। इसके अलावा ये पेट के दर्द के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में कार्य करती है।

दिल के हेल्दी

फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर उड़द की दाल दिल की सेहत के लिए वरदान है। इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करके, एथेरोस्क्लेरोसिस को रोककर और रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर स्वस्थ हृदय प्रणाली को बढ़ावा देता है। फाइबर और पोटैशियम ब्लड प्रेशर को बनाए रखने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है। हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करता है और हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करता है।

हड्डियां मजबूत होंगी

उड़द की दाल आपकी हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रख सकती है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं। उड़द की दाल ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों के विकारों को रोकती है और दांतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। ये पोषक तत्व मजबूत हड्डियों के लिए जरूरी हैं।

लाल रक्त कोशिका का निर्माण

आयरन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, क्योंकि यह लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) के उत्पादन में सहायता करता है। ये कोशिकाएं सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाती हैं, जिससे सेहत अच्छी होती है और एनीमिया जैसी स्थितियों को रोका जा सकता है। दरअसल, ब्लड सर्कुलेशन के माध्यम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए आयरन बहुत जरूरी है।उड़द की दाल खाना से आयरन की मात्रा बढ़ती है।

वहीं, उम्र के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल का स्तर क्या होना चाहिए? क्योंकि, शरीर में जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है तो इसके कारण हार्ट से संबंधी बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।