सर्दियों के मौसम में कई प्रकार की सब्जियां आती हैं, जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं होती है। सर्दियों में हरी सब्जियां और साग अधिक खाएं जाते हैं। जैसे सरसों, पालक, मेथी और बथुआ आदि। ठंड के मौसम में इन सब्जियों के सेवन से हेल्थ को बहुत ही फायदे मिलते हैं, लेकिन कुछ लोगों को बथुए से दूरी बनाए रखनी चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक, बथुआ खाना कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इन लोगों को नहीं खाना चाहिए बथुआ
- किडनी के मरीज
- थायराइड के मरीज
- गर्भवती महिलाएं
- पाचन संबंधी समस्याओं वाले लोग
- एलर्जी में नहीं खाना चाहिए
किडनी वालों के लिए नुकसानदायक
सर्दियों के मौसम में बथुआ सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन किडनी की समस्या से परेशान लोगों को बथुआ नहीं खाना चाहिए। बथुआ में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन या अन्य किडनी समस्याओं वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। ऑक्सालेट किडनी में स्टोन के गठन को बढ़ावा देता है।
गर्भवती महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को बथुआ नहीं खाना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बथुआ का अधिक सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भपात या समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है।
थायराइड के मरीज
थायराइड की बीमारी होने पर बथुआ जैसी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे थायराइड की स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि बथुआ में गोइट्रोजेनिक तत्व होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि के कामकाज में बाधा डाल सकते हैं। यह थायराइड के मरीजों के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में थायराइड के मरीजों को इससे दूरी बनानी चाहिए।
पाचन संबंधी समस्याओं वाले रहें दूर
कमजोर पाचन तंत्र वाले लोगों को बथुआ खाने परहेज करना चाहिए। इसके सेवन से गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बथुआ में हाई मात्रा में फाइबर होता है, जो कुछ लोगों में पाचन समस्याएं जैसे गैस, ब्लोटिंग या डायरिया को बढ़ा सकता है।
एलर्जी वाले दूरी बनाएं
कुछ लोगों को बथुआ खाने से एलर्जी हो सकती है, जिसमें खुजली, त्वचा पर रैशेज, या सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है। ऐसे में उन लोगों को बथुए के सेवन से दूरी बनानी चाहिए।
वहीं, किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करने का काम करती है और शरीर से टॉक्सिन को पेशाब के जरिए बाहर निकलने का काम करती है। ऐसे में सुबह उठते ही कुछ आसान तरीकों से किडनी को हेल्दी और सुपर एक्टिव बनाया जा सकता है।