Coronavirus Updates: कोरोना वायरस भारत में तेजी से पैर पसार रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 649 हो चुकी है, वहीं 13 लोगों की मौत भी हो गई है। लेकिन अच्छी बात यह है कि 42 लोग ठीक होकर घर जा भी चुके हैं। डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा उन लोगों को अधिक है जो बूढ़े हैं या फिर जिन्हें पहले से ही दूसरी स्वास्थ्य समस्या है। इसी बीच, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया कि कोरोनो वायरस के संक्रमण का खतरा अस्थमा से पीड़ित लोगों में भी बहुत अधिक है।

COVID-19 संक्रमण अस्थमा रोगियों को कैसे प्रभावित करता है? कोरोनो वायरस संक्रमण एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यही वजह है कि जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा की शिकायत है, उनको इस वायरस से अधिक खतरा है। डॉ. प्रशांत छाजेड़, निदेशक, लंग केयर एंड स्लीप सेंटर, मुंबई ने कहा, “अगर अस्थमा के मरीज इस वायरस से संक्रमित होते हैं, तो यह उनकी समस्या को और बढ़ा सकता है।”

क्या अस्थमा के रोगी को दवा लेते रहना चाहिए? टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबित, डॉ. छाजेड़ ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि अस्थमा के रोगी अपनी निर्धारित दवाएं लेना बंद न करें। उन्हें अपनी बीमारी के अनुसार अपनी दवा लेते रहना चाहिए, न तो रोकें और न ही अपनी खुराक कम करें। नियमित दवाएं लेना तीव्र अस्थमा के हमले के खिलाफ मदद कर सकती हैं जो संक्रमण के मामले में संभव है।”

कोरोना वायरस महामारी के समय अस्थमा के रोगियों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

डॉ. प्रशांत छाजेड़ ने कहा, “पहला और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अस्थमा से पीड़ित लोग अपने पर्चे के अनुसार अपनी दवा लेते रहें। मैं उन्हें भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने, घर के अंदर रहने और सोशल डिस्टेंसिंस करने की सलाह देना चाहूंगा।”

इसके अलावा अस्थमा के मरीज इन बातों का भी ध्यान रखें:
– जो लोग बीमार हैं, उनसे कम से कम 6 फीट की दूरी पर रहें।
– अपनी आँखें, नाक या मुँह बार-बार मत छुएं।
– कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल मौजूद हो।
– खांसी और छींक आने पर टिशू पेपर का इस्तेमाल करें, फिर टिशू को तुरंत फेंक दें।
– घर में रखी चीजों को हमेशा सैनिटाइज करते रहें।