आजकल की भागदौड़ भी जिंदगी में वजन बढ़ना बहुत आम समस्या बन गया है। वजन बढ़ने का सबसे मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान है। एक बार किसी की वजन बढ़ने लगे तो इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। वजन का बढ़ने सिर्फ दिखने के लिए ही बेकार नहीं होता, बल्कि ये कई बीमारियों का कारण भी बनता है। हालांकि, वजन कम करने के लिए लोग जिम, एक्सरसाइज, डाइट और तमाम उपाय अपनाते हैं।
न्यूट्रिशन और हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, वजन कम करना केवल कैलोरी घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि सही तरह के खाद्य पदार्थ यानी फूड्स चुनना भी उतना ही जरूरी है। खाने में ऐसी चीजों का सेवन करें, जो मेटाबॉलिज्म बढ़ाएं, पाचन सुधारें और लंबे समय तक पेट भरा महसूस कराएं। इससे वजन घटाने की प्रक्रिया आसान होती है। फलों को वजन घटाने वाली डाइट में खास जगह मिलती है, क्योंकि वे कम कैलोरी के साथ विटामिन, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। वजन घटाने के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले दो फल हैं, जिसमें ऑरेंज और आंवला शामिल है, क्योंकि दोनों ही विटामिन C के अच्छे स्रोत हैं, लेकिन इनके असर और फायदे अलग-अलग हैं।
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, आंवला को भारतीय गूगल भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें संतरे से बहुत ज्यादा विटामिन सी होता है। लेकिन, आंवला बेहद कम कैलोरी वाला फल है। इसमें लगभग 30–40 कैलोरी प्रति फल। इसमें संतरे की तुलना में कई गुना ज्यादा विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर मौजूद रहते हैं।
वहीं, संतरा भी विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है। एक मध्यम आकार का संतरा लगभग 60–70 कैलोरी का होता है। इसमें विटामिन C, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद रहते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। संतरे का स्वाद मीठा और ताजगी देने वाला होता है। संतरे का जूस भी पाचन को बेहतर करता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए कौन सा बेहतर
संतरे में मौजूद प्राकृतिक शुगर शरीर को एनर्जी देती है, जबकि फाइबर पाचन को सुधारता है और ब्लड शुगर को स्थिर रखता है। वहीं, आंवला पाचन को बेहतर करने, शरीर से विषाक्त पदार्थ यानी टॉक्सिन बाहर निकालने और मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे फैट बर्निंग के लिए कारगर माना जाता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के मामले में आंवला संतरे से बेहतर साबित होता है।
पाचन और भूख कंट्रोल पर असर
संतरे में पानी और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है और ओवरईटिंग पर रोक लगती है। वहीं, आंवला आंतों की सेहत सुधारता है, पेट की गैस और सूजन कम करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाता है। भूख कंट्रोल करने के मामले में संतरा फायदेमंद है, जबकि आंवला पाचन शक्ति और पोषण अवशोषण को मजबूत करता है।
फैट लॉस के लिए कौन सा फायदेमंद
संतरा स्नैकिंग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह जंक फूड की क्रेविंग को रोकता है और प्राकृतिक मिठास देता है, जिससे अतिरिक्त कैलोरी का सेवन नहीं होता। वहीं, आंवला फैट मेटाबॉलिज्म को सुधारता है। इसे डिटॉक्स जूस और आयुर्वेदिक उपचारों में वेट लॉस के लिए ज्यादा लाभकारी माना गया है। फैट लॉस करने के लिए आंवला ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।
वहीं, एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ. बिमल झाजर ने बताया अगर आपका कोलेस्ट्रॉल हाई है तो आप एनिमल फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।