अजवाईन के बीज, जिसे अजवायन के रूप में भी जाना जाता है। ये एक ऐसा मसाला है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे चबाकर खाना पारंपरिक रूप से सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। वे एंटीसेप्टिक, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-पैरासिटिक हैं। इसके पोषक तत्वों की बात करें तो ये फाइबर, प्रोटीन, आयरन, सोडियम, पोटैशियम कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिजों, विटामिन ए और बी 9, ओमेगा 3 वसा और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। अजवाइन का सेवन पाचन को दुरुस्त करता है और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। दूसरे शब्दों में कहें तो अजवायन खराब कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है। इसका सेवन करने से पेट की चर्बी को भी असानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

मणिपाल अस्पताल, बेंगलुरु की मुख्य आहार विशेषज्ञ पवित्रा एन राज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अजवाईन के बीज में थाइमोल होता है, जो एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला कैल्शियम चेन ब्लॉकर है जो कैल्शियम को दिल की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है। ये ब्लड वैसल्स को आराम देता है और उनका विस्तार करता है। थाइमोल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। इसका सेवन करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इतने गुणों से भरपूर अजवाइन कैसे दिल की सेहत को दुरुस्त करती है।

अजवाइन कैसे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करती है:

अजवाइन में मौजूद घुलनशील फाइबर हमारी आंतों में जिलेटिनस बन जाता है,जो पाचन धीमा कर देता है, शुगर को धीरे से रिलीज करता है और वसा को ट्रेप करता है, ये शरीर में उनके अवशोषण को रोकता है। नियमित रूप से अजवायन का सेवन किया जाता है, तो यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। अजवाइन खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और दिल के रोगों का खतरा भी कम होता है।

क्या कहती है रिसर्च?

जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार अगर अजवाईन का सेवन पानी में भिगोकर किया जाए तो सेहत को बेहद फायदा पहुंचता है। पानी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण होते हैं। पाकिस्तान में शोधकर्ता अजवायन के बीजों पर अध्ययन कर रहे हैं। 2009 में उन्होंने खरगोशों पर एक अध्ययन किया जिसमें पता चला कि कैरम बीज पाउडर कुल कोलेस्ट्रॉल, खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करते हैं।

2017 में,शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि अजवाईन के बीजों में अच्छी एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता होती है जो ट्राइग्लिसराइड्स, टीसी, एलडीएल, वीएलडीएल, एएलटी, एएसटी, कुल बिलीरुबिन के स्तर को काफी कम कर देती है और एचडीएल के स्तर में बढ़ोतरी करती है। रिसर्च के मुताबिक अजवाइन बॉडी के जरूरी अंगों में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के साथ-साथ स्टैटिन की क्रिया के तंत्र को साझा करके एक एंटीहाइपरलिपिडेमिक (antihyperlipidemic) एजेंट के रूप में काम कर सकती है।

अजवाइन कैसे बैली फैट को कम करती है:

अजवायन का सेवन मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और पाचन प्रक्रियाओं को बढ़ाता है। आप जो भी खाना खाते हैं वह तेजी से अवशोषित होता है। यह पेट की चर्बी को जमा होने से रोकता है और वजन को कंट्रोल करता है। अजवाईन के पानी में थाइमोल और नियासिन मौजूद होता है जो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। अजवाइन तंत्रिका आवेगों (nerve impulses) को नियंत्रित करती हैं और बॉडी के टॉक्सिन को बाहर निकालती हैं।

एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अजवाइन में ऐंठन-रोधी गुण मौजूद होते हैं जो पेट दर्द और बेचैनी को नियंत्रित कर सकते हैं। इसका सेवन करने से महिलाओं को पीरियड में ऐंठन से राहत मिलती है। यह खांसी और जुकाम के लिए जरूरी है। यह ठंड के दौरान बलगम के स्त्राव को भी आसान बनाती है। इसमें मौजूद थाइमोल एक मजबूत कवकनाशी और कीटाणुनाशक है, जो संक्रमण से लड़ने में इसे आदर्श बनाता है।

अजवाइन का सेवन कैसे करें:

अजवाइन सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। बस एक चम्मच या पांच ग्राम अजवाइन को एक गिलास उबलते पानी में डालें और इसे कुछ देर के लिए भिगो दें। गर्म पानी शरीर में थाइमोल के अवशोषण को तेज करता है। बेहतर अवशोषण के लिए इसका सेवन सुबह जल्दी खाली पेट करना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से चक्कर आना, मतली और उल्टी जैसी एलर्जी हो सकती है।