Delhi Weather News: 12 दिसंबर को दिल्ली (Delhi Temprature) का अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस था, जो पिछले साल इसी दिन के मुकाबले 4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। इससे एक दिन पहले यानी 11 दिसंबर को तो अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस था, जो साल 2015 के बाद दिसंबर में अब तक का सर्वाधिक अधिकतम तापमान था। थोड़ा और पीछे देखें तो साल 2020 के दिसंबर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। जबकि 2014 में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस था, जो दिसंबर के महीने में अब तक का सर्वाधिक अधिकतम तापमान था।

थोड़ा और आंकड़ों पर नजर डालते हैं। इस साल 2 दिसंबर से 6 दिसंबर तक औसत अधिकतम तापमान 26.06 डिग्री सेल्सियस था जो साल 1981 से 2010 के बीच के औसत 25 डिग्री सेल्सियस से कहीं ज्यादा था। इसी तरह 7 दिसंबर से 11 दिसंबर तक के अधिकतम तापमान का औसत 25.7 डिग्री सेल्सियस था।

दिन में धूप, अधिकतम तापमान ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता

दूसरी ओर, इस बार दिसंबर में न्यूनतम तापमान (Delhi Minimum Temprature) लगभग सामान्य के आसपास रहा है। 12 दिसंबर यानी सोमवार को न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जो पिछले साल इसी महीने में लगभग इसी के आसपास था। रात का तापमान दिसंबर की सर्दी में जैसा होना चाहिए उसके आसपास रह रहा है, लेकिन दिन का तापमान और धूप ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।

अधिकतम तापमान के पीछे क्या वजह है?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वैज्ञानिकों के मुताबिक दिल्ली के तापमान में उथल-पुथल के पीछे पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार हैं, जो भूमध्यसागरी क्षेत्रों (Mediterranean Region) से शुरू होते हैं। आईएमडी (IMD) के मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ( R K Jenamani) कहते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से नमी बढ़ती है, बादल छा सकते हैं और बारिश की भी संभावना बढ़ जाती है। सर्दियों में यह आम बात है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश हो सकती है तो मैदानी इलाकों में नमी दिखती है और बादल छाए रह सकते हैं। बादलों की वजह से ही रात में न्यूनतम तापमान अधिक होता है जबकि दिन में अधिकतम तापमान कम होता है।

दिल्ली में क्यों दिख रहा है असर?

मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ( R K Jenamani) हैं कि इन दिनों, दिन का तापमान इसलिए ज्यादा बना हुआ है क्योंकि बादल नहीं हैं। इस दिसंबर में कोहरा (Fog) भी बहुत कम रहा है। सामान्यतः दिसंबर के पहले सप्ताह से कोहरा और धुंध शुरू हो जाता है। वह कहते हैं कि जम्मू कश्मीर के आसपास अभी पश्चिमी विक्षोभ का असर दिख रहा है, लेकिन दिल्ली में इसका वैसा असर नहीं है। जेनामणि बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह में ही पश्चिमी विक्षोभ की वजह से दिल्ली में बरसात हुई थी। 2020 में भी दिसंबर में इसी वक्त पश्चिमी विक्षोभ के चलते बरसात हुई थी।

दिल्ली में 15 दिसंबर से शुरू हो सकती है कड़ाके की सर्दी

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 15 दिसंबर तक दिल्ली का अधिकतम तापमान (Delhi Weather News) गिरकर 24 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, इससे ठंड बढ़ने की आशंका है। वहीं, 16 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान भी 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास जा सकता है।