कृषि कानूनों को लेकर जारी सियासत के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों को लागू करने पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है और इनकी समीक्षा के लिए कमेटी भी गठित की है। उधर, देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान अभी भी दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं और इन कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं। इसी बीच शत्रुघ्न सिन्हा ने एक ट्वीट कर सरकार को सलाह दी है कि यह आग से खेलने का वक्त नहीं है।

सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘सर यह क्या हो रहा है? हम क्या कर रहे हैं? सरकार को अपना घमंड दरकिनार करना चाहिए। लोहड़ी की बधाई देते वक्त यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यह आग से खेलने का वक्त नहीं है। क्या 130 करोड़ की आबादी में हमें एक तटस्थ पैनल नहीं मिला?’

शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे लिखा, ‘पैनल में चुने गए लोग ही इस विवादित कानून को बनाने में भी शामिल रहे हैं। आपके सलाहकारों को सूचना, जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए एनडीटीवी इंडिया के एग्जीक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार का वीडियो जरूर देखना’।

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने ट्वीट में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस नेता शशि थरूर, यशवंत सिन्हा और शरद पवार जैसे नेताओं को टैग भी किया।

सिन्हा के इस ट्वीट पर तमाम यूजर्स भी उनका समर्थन करते नजर आए। अनुराग नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस वक्त एक मजबूत विपक्ष भी नहीं है जो इस तानाशाही की खिलाफत कर सके’।
आपको बता दें की कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसानों के प्रदर्शन को करीब 50 दिन हो गए हैं। किसान अभी भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया है। हालांकि किसानों के प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के लागू करने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी भी गठित की है जो इन कानूनों का अध्ययन करेगी। इस कमेटी की रिपोर्ट आने तक कानून लागू नहीं होंगे।