कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 11 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनकी मांग है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती है, वे वहां से जाने वाले नहीं हैं। इसी सिलसिले में बीते दिन अमरोहा के जोई मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों का संबोधन करते हुए राकेश टिकैत ने जमकर केंद्र और यूपी सरकार पर निशाना साधा। राकेश टिकैत ने अपने बयान में बॉर्डर खुलने की बात का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों की एक भी गाड़ी वे प्रवेश नहीं होने देते हैं।
राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत का संबोधन करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा, “कल भी हंगामा चला कि ये बैरिकेडिंग खोल रहे हैं, हमने एंबुलेंस को जाने दिया। लेकिन अपने खुद के टेंट भारत सरकार ने अपनी सीमा में लगाए हुए हैं। वे अपने टेंट हटाएंगे तो हमारा भी दिल्ली जाने का रास्ता साफ होगा। हम एंबुलेंस जैसी गाड़ियां यहां से निकलवाते हैं, लेकिन किसानों का झंडा लगी एक भी गाड़ी ये जाने नहीं देते हैं।”
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस सिलसिले में आगे कहा, “ये कैसे बॉर्डर खुले हैं। ये पूर्ण रूप से देश की जनता और किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि बॉर्डर खुलें और हम संसद व दिल्ली के मॉल के पास अपनी फसलें बेच सकें। हम भी जाना चाहते हैं। ये सरकार कान खोलकर सुन ले, जब तक कानून वापस नहीं होंगे, आंदोलन खत्म नहीं होगा।”
राकेश टिकैत ने बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, “बंगाल में तुम्हारा इलाज किया, वहां तुम्हें दवाई दी थी। ये गुंडागर्दी की सरकार, जो कहते हैं कि यूपी से गुंडाराज खत्म किया है। लेकिन यूपी में गुंडाराज असल में स्थापित हुआ है। यूपी में सरकारी बंदूक का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन ये आने वाले वक्त में नहीं होगा।”
जिला पंचायत चुनाव का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “वैसा ही हाल ये विधानसभा चुनाव में भी करना चाहते हैं, इसलिए आप लोग तैयार रहना। इन्हें दवाई देनी पड़ेगी। बगैर दवाई के इनका कोई इलाज नहीं है। रास्ते बंद भारत सरकार ने किये हैं और जब भी रास्ते खुलेंगे, सबसे पहले दिल्ली जाने का अधिकार हमारा है।” बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत ने खाद की लाइन में हुई किसानों की मौत को लेकर भी सरकार को घेरा था।
