कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर बिहार और यूपी के प्रवासियों की मदद नहीं करने के सवाल पर भोजपुरी खेसारी लाल ने कहा कि मुझे दुख है कि मैं लोगों की मदद नहीं कर पाया। मैंने सरकार से आजतक मदद नहीं मांगी। अगर सरकार ने मदद की होती तो आज जिस जगह पर सोनू सूद खड़े हैं, उस जगह पर खेसारी लाल यादव खड़ा होता। खेसारी लाल ने कहा कि मैं किसी को कहां भेजूं, सरकार ने मदद नहीं की। भोजपुरी सिंगर ने आगे कहा कि मैंने दो ट्रेनों की 21-21 बोगी बुक करने के बाजवूद अपने लोगों के नहीं भेज पाया।
वजहों पर बात करते हुए खेसारी लाल ने कहा कि इसका रीजन क्या था? क्योंकि उन जगहों पर भेजने के लिए सरकार से परमिशन लेना पड़ता था कि आप जिन लोगों के भेज रहे हैं वे कहां उतरेंगे। कहां जाएंगे। खेसारी ने कहा कि अगर सरकार ने मुझे लेटर दे दिया होता, चाहे वो यूपी सरकार हो या बिहार सरकार, तो मैं दो ही ट्रेन नहीं शायद मैं 40 ट्रेन भेज सकता था। इतनी क्षमता जनता ने मुझे दी है।
खेसारी लाल ने राज्य सरकारों पर मदद नहीं करने का आरोप लगाते हुए आगे कहा कि अगर मुझे घर भी बेच कर भेजना पड़ता तो भेजता। लेकिन ना तो महाराष्ट्र सरकार, ना तो बिहार सरकार और ना ही यूपी सरकार ने कोई मदद की। क्योंकि मैं कोई राजनेता नहीं एक अभिनेता हूं। मेरी किसी प्रशासन से जान पहचान नहीं।
खेसारी लाल ने कहा कि कोरोनाकाल में मेरा घर से निकलना मुश्किल था। मेरे पास इतने लोग भी नहीं हैं कि सबको टेबल पर भेज सकूं। इसके लिए बड़ी हस्तियों की जरूरत होती है जो कि सोनू सूद के साथ थीं। अगर ऐसा होता तो मैं 2 ट्रेन 50 बस नहीं बल्कि 100 बस भेजता। मुझे इस बात का दुख है कि मैं लोगों की मदद नहीं कर पाया। खेसारी लाल ने कहा कि जहां तक हो पाया मदद की। मैंने पैसे पहुंचाए। बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद की।