Vikas Pathak , Anand Mohan J

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में थे तो वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश दौरे पर थे। वहीं ओबीसी मुद्दा छाया हुआ है और कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों की नजर ओबीसी वोटों पर है। राहुल गांधी ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में अपनी पहली जनसभा को संबोधित किया। उनके भाषण में महिला आरक्षण कानून का जिक्र किया गया। राहुल ने पूछा कि सरकार इसमें ओबीसी को कोटा क्यों नहीं दे सकती?

वहीं पीएम मोदी की रैली ने एक बार फिर दिखाया कि स्थानीय नेता भाजपा के अभियान का फोकस नहीं होंगे। पीएम मोदी भाजपा और उसके चिन्ह कमल के नाम पर वोट मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश रैली में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कोई उल्लेख नहीं किया, तो बिलासपुर बैठक में पूर्व सीएम रमन सिंह का उल्लेख तो हुआ, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला।

बिलासपुर एक ऐसा क्षेत्र है जहां 2018 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद भी, भाजपा का अच्छा प्रदर्शन था। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी से नफरत करती है। पीएम ने कहा कि कांग्रेस उनसे भी नफरत करती है क्योंकि, ओबीसी होने के बावजूद वह पीएम बन गए।

वहीं मध्य प्रदेश के शाजापुर में कांग्रेस की चल रही जन आक्रोश यात्रा की रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना क्यों नहीं हो रही है। आजादी के बाद से ही ओबीसी वोटों को अपने से दूर जाने देने के बाद कांग्रेस को हाल ही में यह एहसास हुआ है कि यह भाजपा के हिंदुत्व के खिलाफ अच्छा मुद्दा है। विशेष रूप से जब भाजपा इस तथ्य को उछालती है कि पीएम मोदी एक ओबीसी हैं।

शनिवार को अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस के संदर्भ में कहा, “वे मोदी को गाली देते हैं। इसे सभी ओबीसी को गाली देने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वे ओबीसी से नफरत करते हैं। वे गरीबों, दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का उत्थान बर्दाश्त नहीं कर सकते।” प्रधानमंत्री ने इसे कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए दलित रामनाथ कोविंद और आदिवासी द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा करने से जोड़ा।

राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र में कहा था कि देश चलाने वाले 90 अधिकारियों में से 3 ओबीसी हैं। उन्होंने कहा, “ये 90 लोग तय करते हैं कि पैसा कहां जाएगा। अब मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूं: भाजपा 10 वर्षों से सत्ता में है, और 90 अधिकारी सरकार चला रहे हैं। बताइये बजट में इन तीन ओबीसी से आपकी कितनी भागीदारी है? सच तो यह है कि पूरे बजट में ओबीसी अधिकारियों का 5% प्रतिनिधित्व और नियंत्रण है। ओबीसी सरकार नहीं चलाते हैं। नरेंद्र मोदीजी जो काम करते हैं वह उन्हें आरएसएस द्वारा दिया जाता है।”

जाति जनगणना की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा: “जब मैं यह सवाल उठाता हूं, तो भाजपा सदस्य हस्तक्षेप करना शुरू कर देते हैं। नरेंद्र मोदी जी चले जाते हैं, अमित शाह जी कुछ और कहते हैं, हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। भाइयों और बहनों, भारत के सामने सबसे बड़ा मुद्दा जाति जनगणना है। भारत के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि कितने ओबीसी हैं और उनका प्रतिनिधित्व क्या होना चाहिए।”

यूपीए 2 सरकार द्वारा की गई सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा: “नरेंद्र मोदीजी के पास सभी आंकड़े हैं। प्रत्येक जाति की कितनी संख्या भारत में है। वे ओबीसी को यह नहीं बताना चाहते कि वे कितने हैं, क्योंकि उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहते। वे उन्हें वास्तविक शक्ति नहीं देना चाहते। वे अपने लोगों को विधानसभा में बैठाते हैं, लेकिन फिर उनकी चुप्पी सुनिश्चित करते हैं। हम चाहते हैं कि सभी को प्रतिनिधित्व मिले।”

महिलाओं को आरक्षण

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने वाले कानून का श्रेय लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष ने केवल डर से इसका समर्थन किया था कि अन्यथा वह महिला मतदाताओं को खो सकता है। पीएम मोदी ने कहा, “अब वे एक नया खेल खेल रहे हैं। वे महिलाओं को जाति के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।”

वहीं राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, ”नरेंद्र मोदी, आप ओबीसी के लिए काम करने का दावा करते हैं, तो फिर आपने ओबीसी आरक्षण को महिला आरक्षण में शामिल क्यों नहीं किया?”

योजनाएं बनाम भ्रष्टाचार

कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने हाल ही में कहा था कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ को पर्याप्त धनराशि जारी की है। वहीं इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इससे पता चलता है कि उनकी सरकार ने अपना काम किया है। उन्होंने भूपेश बघेल सरकार पर राजनीतिक कारणों से केंद्रीय योजनाओं पर अभी भी धीमी गति से चलने का आरोप लगाया।