गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। देशभर के पार्टी दफ्तरों में पार्टी नेताओं ने जश्न मनाया। लेकिन मध्य प्रदेश के मंदसौर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जीत की खुशी मनाने के लिए खुलेआम फायरिंग की। न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने इसका एक वीडियो जारी किया है, जिसमें स्थानीय नेता और कार्यकर्ता फायरिंग करते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक खुलेआम फायरिंग करने पर किसी पार्टी नेता के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है। गुजरात की 182 विधानसभा में भाजपा को 99 व कांग्रेस को 77 और हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 44 एवं कांग्रेस को 21 सीटें मिली हैं। गुजरात में पिछले 22 साल से बीजेपी का राज है और इस जीत ने पार्टी का कार्यकाल 5 साल और बढ़ा दिया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह बात खारिज कर दी कि गुजरात में कांग्रेस ने उनकी पार्टी को कड़ी चुनौती दी है। शाह ने कहा कि भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणाम राजनीतिक वंशवाद के विरुद्ध कार्य निष्पादन एवं विकास की जीत है।जब उनसे पूछा गया कि क्या गुजरात में कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला था तो उन्होंने कहा कि जीत के अंतर में अपने प्रतिद्वंद्वी से आठ फीसद आगे रहना ‘कांटे की टक्कर’ नहीं कहा जा सकता। वहीं नतीजों के बाद मंगलवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधे हमला बोलते हुए कहा कि इन नतीजों से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ गया है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी की बात को देश नहीं सुन रहा है।

राहुल ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘‘ तीन चार महीने पहले जब हम गुजरात गए थे तो कहा गया था कि कांग्रेज भाजपा से नहीं लड़ सकती। तीन चार महीने में हमने ठोस काम किया। सिर्फ मैंने नहीं, एआईसीसी की टीम और गुजरात के लोगों ने भी। आपने नतीजे देखे हैं। भाजपा को गुजरात में जबरदस्त झटका लगा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे लिए अच्छा नतीजा है। ठीक है कि हम हार गए। अगर थोड़ा और ठीक करते तो जीत जाते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे वहां पता चला कि मोदीजी का जो मॉडल है, उसे गुजरात के लोग मानते ही नहीं। प्रचार बहुत अच्छा है। (इसकी) मार्केटिंग बहुत अच्छी है पर अंदर से खोखला है। हमने जो अभियान चलाया, उसका वह जवाब नहीं दे पाए। विकास की बात कर रहे हैं पर सच्चाई यह है कि वह उसका जवाब नहीं दे पाए। आपने देखा होगा कि चुनाव से पहले मोदीजी के पास कहने के लिए कुछ रहा नहीं था।’’