वाराणसी की सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत के आंकड़े की बात करें तो जनता का विश्वास उनपर बढ़ा है। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी से इस सीट पर अजय राय चुनाव मैदान में हैं। वाराणसी सीट पर भाजपा को 2019 में कुल 63.62 फीसद, 2014 के चुनाव में 56.7 फीसद और 2009 में कुल 30.52 फीसद मत मिले हैं। अजय राय लगातार इस सीट से पहले भी लड़ते रहे हैं।
1991 से पहले इस सीट पर बीजेपी का कोई असर नहीं था
इस सीट पर 2014 से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जीत दर्ज करा रहे हैं। चुनावी आंकड़ा बताता है कि बीते 28 साल में वाराणसी सीट के लिए जो चुनाव हुए हैं, उन चुनाव में भाजपा को केवल एक ही बार मात खानी पड़ी है। भाजपा का यह गढ़ केवल 2004 के चुनाव में टूटा था, जब यहां से राजेश कुमार मिश्र ने भाजपा को हराया था। 2004 के इस चुनाव के अतिरिक्त अब तक भाजपा ने सभी चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराई है। हालांकि आयोग का आंकड़ा यह भी साफ बताता है कि 1991 से पहले कभी भी इस सीट पर भाजपा का कोई असर नहीं था। वर्ष 1967 से लेकर 1989 तक अन्य दलों का कब्जा रहा है। 1984 में हुए चुनाव में यहां से कांग्रेस से श्यामलाल सिंह और 1989 में जनता दल से अनिल शास्त्री अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं।
पीएम मोदी से पहले बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी सांसद थे
आंकड़ा बताता है कि इस सीट पर सात बार भाजपा और सात बार अन्य दलों के नेताओं का कब्जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से चुने जाने से ठीक पहले भी इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा है। उस समय भाजपा के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी इस सीट से चुनाव लड़े थे। यह चुनाव 2009 में हुआ था और इस सीट पर वाराणसी सीट पर भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच ही सीधी टक्कर थी। उस समय बसपा से मुख्तार अंसारी उम्मीदवार थे और वह 1,85,911 वोट के साथ इलाके के लोगों की दूसरे पसंद बने थे जबकि मुरली मनोहर जोशी को कुल 203122 वोट मिले थे। दोनों ही दलों के बीच मत फीसद का अंतर अधिक नहीं था। लेकिन यहां पर यह सबसे अहम बात यह है कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार अजय राय थे, जबकि कांग्रेस ने राजेश कुमार मिश्र को टिकट दिया था।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी वाराणसी से अपना भाग्य आजमा चुके हैं। अरविंद केजरीवाल ने 2014 में आम आदमी पार्टी से भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सामने नामांकन दर्ज कराया था। इस सीट पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही सीधी टक्कर थी।
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे, जबकि यहां आम आदमी पार्टी को कुल 2,09,238 वोट मिले थे। प्रधानमंत्री की जीत का अंतर दो गुना से भी अधिक था लेकिन इस चुनावी रणनीति के बीच कांग्रेस पार्टी खिसक कर तीसरे पायदान पर आ गई थी। उस समय भी वाराणसी सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय राय ही थे।