Varanasi Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी को चुनौती देने के लिए पार्टियां गठबंधन कर रही हैं। ऐसे में अगर वाराणसी लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट से वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं। माना जा रहा है कि मोदी एक बार फिर से वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन होने के बाद अखिलेश यादव ने वाराणसी सीट कांग्रेस के हिस्से में छोड़ दी। हालांकि, अभी तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से इसी सीट को लेकर किसी भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। हालांकि, माना जा रहा है कि कांग्रेस एक बार फिर से अजय राय पर दांव खेल सकती है।
वाराणसी का चुनाव वैसे भी हर बार चर्चा का केंद्र बनता है। अगर पिछले चार चुनाव की बात करें तो 2004 में बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली सीट को कांग्रेस ने जीत कर बड़ा झटका दिया था। इसके बाद 2009 के चुनाव में बीजेपी के त्रिमूर्ति में से एक कहे जाने वाले एक मुरली मनोहर जोशी को यहां चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया था। जोशी का मुकाबला माफिया मुख्तार अंसारी से हुआ। बेहद करीबी मुकाबले में मुरली मनोहर जोशी यह सीट जीत सके थे।
वाराणसी लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव परिणाम-
प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
नरेंद्र मोदी | बीजेपी | 581022 | 32.89% |
अरविंद केजरीवाल | आम आदमी पार्टी | 209238 | 11.85% |
अजय राय | कांग्रेस | 75614 | 4.28% |
विजय प्रकाश जायसवाल | बसपा | 60579 | 3.43% |
साल 2014 में पीएम मोदी के मुकाबले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरे, लेकिन पीएम मोदी के सामने केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा।
वाराणसी लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम-
प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट | वोट प्रतिशत |
नरेंद्र मोदी | बीजेपी | 674664 | 63.6% |
शालिनी यादव | सपा | 195159 | 18.4% |
अजय राय | कांग्रेस | 152548 | 14.38% |
2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से चुनाव लड़े और जबरदस्त जीत हासिल की थी।
वाराणसी लोकसभा सीट पर अभी तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। यहां से सात बार बीजेपी और सात पर कांग्रेस को विजय हासिल हुई है। एक-एक बार जनता दल और सीपीएम को भी जीत नसीब हुई है। भारतीय लोकदल ने भी इस सीट पर एक बार जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी और बसपा ने इस सीट पर कभी कोई जीत हासिल नहीं की है।
मोदी से पहले कई दिग्गज रहे वाराणसी से सांसद
वाराणसी लोकसभा सीट से कई दिग्गज नेता चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी, मुरली मनोहर जोशी और प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री भी सांसद बने हैं। वाराणसी से 1957 के आम चुनाव में कांग्रेस नेता रघुनाथ सिंह सांसद चुने गए थे। 1962 में भी रघुनाथ सिंह ही चुने गए। 1967 में यहां से पहली बार सीपीएम के सत्यनारायण सिंह ने चुनाव जीता।
1971 में कांग्रेस के राजाराम शास्त्री यहां से सांसद बने। 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर के चलते की बदौलत चन्द्रशेखर चुनाव जीते। 1980 में कमलापति त्रिपाठी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 1989 में इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बेटे अनिल शास्त्री संसद पहुंचे। 2004 में कांग्रेस के राजेश मिश्रा ने यहां से जीत हासिल की। साल 2009 में मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद से वाराणसी में किस्मत आजमाई और चुनाव जीता। इसके बाद साल 2014 और 2019 पीएम मोदी ने यहां से फतह हाासिल की।
वाराणसी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण-
वाराणसी लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। रोहनिया और सेवापुरी में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में हैं। इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहार की भी संख्या ठीक है। यहां वैश्य, यादव, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी जीत के लिए निर्णायक साबित होती है। यहां तीन लाख से ज्यादा गैर यादव ओबीसी वोटर हैं। दो लाख से ज्यादा वोटर कुर्मी जाति के हैं। करीब दो लाख वैश्य वोटर हैं। डेढ़ लाख के करीब भूमिहार वोटर हैं। इसके अलावा एक लाख यादव और एक लाख अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।