लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और गुजरात की वडोदरा सीट चर्चा में बनी हुई है। इसका कारण है वडोदरा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार। बीजेपी ने वडोदरा से 33 साल के हेमांग जोशी को उम्मीदवार बनाया है। वडोदरा बीजेपी का गढ़ रहा है। पिछले 26 साल में बीजेपी को इस सीट पर एक भी बार हार का सामना नहीं करना पड़ा है। पिछले 7 चुनाव से भाजपा यहां पर जीत रही है।
1998 से वडोदरा में कायम है बीजेपी का दबदबा
1998 के लोकसभा चुनाव से लगातार वडोदरा सीट पर बीजेपी का दबदबा कायम है। 1991 में भी यहां से रामायण में सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। 1996 में कांग्रेस के सत्यजीत सिंह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन 1998 में फिर से बीजेपी ने जीत हासिल कर ली।
वडोदरा सीट पर 2019 का परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | परिणाम |
बीजेपी | रंजनबेन भट्ट | 8 83,719 | जीत |
कांग्रेस | प्रशांत पटेल | 2,94,542 |
पीएम मोदी 2014 में चुने गए थे सांसद
2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। एक वडोदरा थी, दूसरी वाराणसी। पीएम मोदी दोनों सीट से चुनाव जीत गए। उसके बाद उन्होंने वडोदरा सीट छोड़ दी। वडोदरा लोकसभा सीट से पीएम मोदी ने 5,70,128 वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद जब पीएम नरेंद्र मोदी ने सीट छोड़ी तो बीजेपी ने यहां से उपचुनाव में रंजनबेन भट्ट को उम्मीदवार बनाया। उन्होंने 3,29,507 वोटों से जीत हासिल की।
वडोदरा सीट पर 2014 का परिणाम
पार्टी | उम्मीदवार | वोट | परिणाम |
बीजेपी | नरेंद्र मोदी | 8,45,464 | जीत |
कांग्रेस | मधुसूदन मिस्त्री | 2,75,336 |
33 साल के युवा को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से रंजनबेन भट्ट को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने 5,89,170 वोटों से जीत हासिल की। यह जीत पीएम नरेंद्र मोदी की 2014 की जीत से भी बड़ी थी। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया। बीजेपी ने हेमांग जोशी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के गढ़ वडोदरा लोकसभा सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं और यहां पर कांग्रेस के जसपाल सिंह से हेमांग जोशी का मुकाबला होगा।
टिकट मिलने से एक दिन पहले तक कर रहे थे नौकरी
हेमांग जोशी गुजरात के सबसे युवा उम्मीदवार हैं। उनकी उम्र अभी 33 साल है और भाजपा ने उन्हें सीधे लोकसभा का टिकट दे दिया है। करीब 3 साल पहले ही हेमांग जोशी ने बीजेपी ज्वाइन की थी। हेमांग भाजपा की शिक्षण समिति के अध्यक्ष भी थे और नगर पालिका के स्कूलों में अंग्रेजी की क्लास शुरू करवाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। हेमांग कवि और फिजियोथैरेपिस्ट भी है। उन्होंने मैनेजमेंट में पीएचडी भी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टिकट मिलने से एक दिन पहले तक वह एक निजी कंपनी में एचआर मैनेजर की नौकरी कर रहे थे। हेमांग के अनुसार वह होली के बाद पत्नी के साथ एक कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्हें फोन पर बधाई मिलने लगी। उन्हें भरोसा नहीं हुआ कि उनके साथ क्या हुआ है? बाद में पता चला कि उन्हें पार्टी ने वडोदरा से टिकट दे दिया है। वैसे कहा जाता है कि वडोदरा से बीजेपी किसी को भी टिकट दे दे, पार्टी वहां आसानी से चुनाव जीत जाएगी। ऐसे में हेमांग की राह भी काफी आसान लग रही है।