UP Nikay Chunav Results 2023: उत्तर प्रदेश (UP) निकाय चुनाव परिणाम 2023 के लिए मतगणना फिलहाल जारी है। यूपी निकाय चुनाव की गिनती शनिवार सुबह आठ बजे से शुरू हुई। इसी बीच चुनावी रुझान में आने शुरू हो गए हैं। चुनावी रुझान के मुताबिक, 17 नगर निगम में 13 पर रुझान आ चुके हैं। जिसमें आठ पर बीजेपी, चार पर समाजवादी पार्टी और एक पर बहुजन समाज पार्टी आगे है। जबकि अभी तक कांग्रेस का खाता नहीं खुला है।
यूपी निकाय चुनाव में पहला रुझान भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आया। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर तंज कसा है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ आशा है चुनाव आयोग हर एक राउंड के बाद आंकड़े बताता जाएगा जिससे जन विश्वास बना रहे।’
अखिलेश यादव के बयान पर यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया-
अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त है। राजेंद्र शुक्ला नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आपकी आशा में परिणाम आने से पहले हार की निराशा स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। वैसे अच्छा बहाना ढूंढ रहे हैं एक दो और ढूंढ लीजिए, एक EVM वाला है ही।’ सुधीर मिश्रा नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘श्रीराम का ‘विरोध’ करके “रावण” हार गया था.. ‘श्रीराम चरित मानस’ का विरोध करके आप भी हारेंगे। जो हाल अहंकारी “रावण” का हुआ था। वही हाल हर एक “अहंकारी” का होगा। प्रतीक नाम से यूजर ने लिखा, ‘इतना डर भी अच्छा नहीं है, भरोसा भी कायम रखें।
बीजेपी सत्ता के बल पर चुनाव परिणाम को बदलना चाहती: सपा
अखिलेश यादव के ट्वीट से पहले समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था। जिसमें भाजपा पर आरोप लगाया गया था। ट्वीट में लिखा गया, ‘नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के चुनावों में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में भारी मतदान किया। अपनी करारी हार से बौखलाई भाजपा अब सत्ता बल से चुनाव परिणामों को प्रभावित कर जनादेश को बदलने की कुत्सित साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने समाजवादी विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पाण्डेय के साथ यह आरोप लगाए।
भाजपा ने जनता से छल किया: नरेश उत्तम पटेल
इस दौरान नरेश उत्तम पटेल ने कहा, ‘प्रदेश में हुए नगर निकाय के चुनाव देश का सबसे बड़ा निकाय चुनाव है। इन चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक माहौल रहा। भाजपा के तमाम मंत्री, नेताओं ने भ्रामक प्रचार किया। मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने सेटिंग करके यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसा लगे कि शहरी निकायों में लोग समाजवादी पार्टी को पसंद नहीं कर रहे हैं। भाजपा ने जनता से छल किया। पहले चरण में भाजपा के पिछड़ने के बाद दूसरे चरण में मुख्यमंत्री ने प्रभावित करने के लिए ही मतदान प्रतिशत कम कराने की रणनीति पर काम किया गया।