उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। कुल 7 चरणों में उत्तरप्रदेश में मतदान कराए जाएंगे। इस बार के उत्तरप्रदेश चुनाव में पांच बड़े चेहरों का राजनीतिक इम्तिहान होगा। इस चुनावी इम्तिहान के परिणाम ही इन चेहरों के आगे के राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। इन पांच चेहरों में मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और रालोद के जयंत चौधरी शामिल हैं।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल रहे गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसलिए इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ के पांच वर्षों के कार्यकाल की परीक्षा होगी और जनता इस बात का मूल्यांकन करेगी कि उन्होंने राज्य में कैसे सरकार चलाई है। भाजपा ने 2017 के चुनावों में 312 सीटें जीती थीं और 2022 के चुनावों में फिर से 300 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य रखा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए भी यह चुनाव काफी अहम है क्योंकि इस बार के चुनाव में मुलायम सिंह यादव सक्रिय नहीं हैं। इतना ही नहीं सपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकारों में शामिल रहे शिवपाल यादव भी अपनी पार्टी बना चुके हैं। हालांकि शिवपाल ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया है। इसके अलावा सपा ने इस बार के चुनाव के लिए जयंत चौधरी के रालोद से भी गठबंधन किया है। अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहले से ही सक्रिय हैं और वे कई जिलों में अपनी यात्राएं भी निकाल चुके हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 19 सीटें जीतने वाली मायावती के लिए 2022 का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मायावती के आधार वोट बैंक में भी सेंध लगाई थी। वर्तमान समय में बसपा अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बीएसपी प्रमुख मायावती अभी तक रैलियों से दूर ही रही हैं। इस बार के चुनाव में बसपा को खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की चुनौती होगी
रालोद नेता जयंत चौधरी चौधरी चरण सिंह के पोते हैं। चौधरी चरण सिंह देश के पूर्व प्रधानमंत्री व बड़े जाट नेता थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में जयंत सिंह और उनके पिता अजीत सिंह दोनों जाट बहुल सीट से चुनाव हार गए थे। इसलिए जयंत को इस चुनाव में यह साबित करना होगा कि वे चरण सिंह की विरासत के असली दावेदार हैं। हालांकि पिछले बार के चुनाव में जाटलैंड में भाजपा सबसे आगे थी।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी इस बार के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में काफी सक्रिय हैं। उत्तरप्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने के बाद इस बार प्रियंका गांधी राज्य में पार्टी का प्रमुख चेहरा बनी हुई हैं। पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने लड़की हूं लड़ सकती हूं कार्यक्रम भी लांच किया है। इस बार के चुनाव प्रियंका गांधी का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे क्योंकि पहली बार प्रियंका इस तरह से चुनावी राजनीति में सक्रिय हुई हैं।