उत्तर प्रदेश चुनाव की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हो रही है और सभी दल पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। बता दें कि 2014 ,2017 और 2019 के चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश ने बीजेपी को जमकर वोट किया, केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर बीजेपी की सरकार बनवाई। लेकिन अब किसान आंदोलन के बाद स्थितियां अलग हैं। ऐसा माना गया कि किसान आंदोलन के बाद जाटों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी है और इससे बीजेपी को चुनाव में नुकसान हो सकता है। समाजवादी पार्टी का आरएलडी के साथ गठबंधन है और आरएलडी को जाटों की पार्टी भी कहा जाता है।
जयंत चौधरी को बीजेपी के एक ऑफर ने पूरे देश में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया। दरअसल जाट नेताओं के साथ बुधवार को अमित शाह की मुलाकात हुई और उसके बाद मीटिंग में मौजूद बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने मीडिया से कहा कि, “जयंत चौधरी के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। हम हमेशा उनका स्वागत अपने घर में करना चाहते हैं और उन्होंने गलत रास्ते को चुना है। जाट समाज के लोग उनसे बात करेंगे।”
प्रवेश वर्मा के बयान के बाद जयंत चौधरी ने कहा था कि अगर न्योता देना ही है तो उन 700 से अधिक किसान परिवारों को दो, जिन्होंने अपनों को किसान आंदोलन के दौरान खोया है।
आज तक चैनल से बात करते हुए जयंत चौधरी ने बीजेपी के ऑफर पर कहा कि, “बीजेपी का प्रयास हमें बांटने का है, लेकिन उस साजिश में हम फंसने वाले नही है। जो नौजवान हैं, जो नए विचारों को बढ़ाना चाहता है, जो किसान हैं जो लोग यूपी में तरक्की चाहतें हैं वो हमारे साथ हैं। सारे रंग साथ लड़ेंगे।” आगे जयंत ने कहा कि हम महिलाओं को भी अधिक संख्या में पुलिस में भर्ती करेंगे ताकि एक अच्छा पुलिस तंत्र बने।
वहीं अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि, “मुझे खुशी है कि हम लोगों को भारी जनसमर्थन मिल रहा है और जनसमर्थन से भारतीय जनता पार्टी घबराई हुई है। जितनी भी पाबंदियां लगी है हम उसका पालन करते हुए आपके माध्यम से कहना चाहते हैं कि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का बड़ा शहर है। यहां के लोगों का कोई पेट भर रहा है तो वो हमारे अन्नदाता है। मुझे उम्मीद है कि शहर के लोग भी अन्नदाताओं के पक्ष में मतदान करेंगे।” साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि असली सरप्राइस उत्तर प्रदेश से नहीं बल्कि गुजरात से आएगा। बता दें कि साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
