पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) इस वक्त गुजरात की जेल में बंद हैं। कभी प्रयागराज में उनकी तूती बोलती थी और उनके या उनके परिवार के किसी न किसी सदस्य की मौजूदगी चुनावों में देखने को मिलती थी। हालांकि, अबकी ऐसा नहीं हो रहा है। अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने नामांकन के आखिरी दिन पर्चा दाखिल नहीं किया। इसे ओवैसी के लिए भी एक तगड़ा झटका माना जा रहा है।

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पिछले साल प्रयागराज (पहले इलाहाबाद) में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की सदस्यता ली थी। एआईएमआईएम ने शाइस्ता परवीन को शहर पश्चिमी सीट से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनके चुनाव लड़ने को लेकर मंगलवार को विराम लग गया, जब उन्होंने नामांकन दाखिल नहीं किया।

शाइस्ता परवीन ने नामांकन क्यों दाखिल नहीं किया, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि अतीक के जेल में होने और दोनों बेटों के फरार होने के कारण शाइस्ता ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। 33 सालों में यह पहली बार है जब अतीक या उनके परिवार का कोई सदस्य चुनावी समर में नहीं कूदा। ऐसे में अब अतीक के सियासी दौर की समाप्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

1989 में अतीक अहमद प्रयागराज पश्चिम सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे। इसके बाद वह सपा और अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़े। फूलपुर से सांसद बनने के बाद इस सीट पर अतीक अहमद ने अपने भाई अशरफ को चुनाव लड़वाया और बाद में वह जीतकर भी आए।

5 बार के विधायक और फूलपुर से सांसद रहे अतीक अहमद के जेल जाने के बाद काफी हद उनकी सियासी पहुंच सीमित हो गई। आए दिन प्रशासन की कार्रवाई ने उनके समीकरण को इस कदर बिगाड़ दिया कि कभी इलाके में धौंस जमाने वाले अतीक अहमद की सियासत अब खतरे में दिखाई देने लगी है। बसपा की सरकार में मायावती ने अतीक अहमद के खिलाफ सख्ती शुरू की थी। वहीं, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने माफिया के पर कुतर डाले। बीच के सालों में सपा ने भी अतीक से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। अखिलेश यादव भी अतीक को पसंद नहीं करते थे।

अखिलेश ने दिया था धक्का: 2016 में एक वीडियो सामने आया था जब मंच पर अखिलेश यादव अतीक अहमद को धक्का देते दिखाई दे रहे थे। कौशांबी में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव एक प्रोग्राम में पहुंचे थे। उनके साथ मंच पर पार्टी के तमाम नेता मौजूद थे। इसी दौरान अतीक, सीएम के पास कुछ कहने के लिए आए थे। लेकिन अखिलेश ने उनकी बात सुनने के बजाय पीछे धकेल दिया था। इस वाकए को लेकर काफी चर्चाएं हुई थीं।