उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान आज गुरुवार को शुरू हो गया। इसके साथ ही लोकतंत्र के इस उत्सव की शुरुआत हो गई। पहले चरण में राज्य के कुल 11 जिलों की 58 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इस दौरान करीब दो करोड़ 27 लाख मतदाता कई महत्वपूर्ण लोगों की सियासी किस्मत पर मुहर लगाएंगे।

इसमें ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, समाज कल्याण राज्य मंत्री जीएस धर्मेश, वन राज्य मंत्री अनिल शर्मा और जलशक्ति व बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री दिनेश खटीक शामिल हैं। इसके अलावा अवतार सिंह भड़ाना, चौधरी बाबू लाल और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य आदि के भी भाग्य का फैसला होगा।

यूपी में सात चरणों में मतदान हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान कार्य 10 फरवरी गुरुवार यानी आज हो रहा है। इसके बाद दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा 20, चौथा 23, पांचवां 27 फरवरी, छठा 3 मार्च तथा सातवां और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। पहले चरण में जिन 11 जिलों में वोट पड़ेंगे उनमें गौतम बुद्धनगर (नोएडा), गाजियाबाद, मथुरा, शामली, अलीगढ़, बागपत, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और आगरा शामिल हैं। मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा।

यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव में 38 सीटें संवेदनशील थीं। वहीं इस चुनाव में यूपी पुलिस द्वारा 73 सीटें संवेदनशील घोषित की गई है। यह 2017 के राज्य चुनावों की तुलना में 35 अधिक है। इन सीटों पर चुनाव के दौरान पुलिस की विशेष नजर होती है।

चुनाव आयोग द्वारा चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के एक दिन बाद, यूपी पुलिस ने कहा था कि राज्य में 95 विधानसभा क्षेत्रों को “संवेदनशील” के रूप में पहचाना गया था। इसको लेकर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा बलों की तैनाती से संबंधित हालिया घटनाओं को ध्यान में रखते हुए संख्या को संशोधित कर 73 कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में पिछले चुनाव में एनडीए के खाते में 312 सीटें आई थीं। बसपा को 19 और सपा को 47 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।