उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनावों की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले यूपी सरकार के वरिष्ठ सहयोगियों के अलग होने से राजनीति गर्मा गई थी। इसमें सबसे बड़ा नाम कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का था। उन्होंने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। पार्टी छोड़ने से पहले उन्होंने सत्ताधारी दल भाजपा पर पिछड़ों और दलितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। हालांकि सत्ताधारी पार्टी से ही उनकी बेटी संघमित्रा मौर्या बदांयू से सांसद और वे पार्टी में बनी हुई हैं। कहा जा रहा है कि बदांयू में स्वामी प्रसाद मौर्या का दबदबा है। ऐसे में वहां विधानसभा के चुनाव में भाजपा के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। इस सवाल पर उनकी बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या ने विश्वास प्रकट किया कि जीत भाजपा की होगी।

उन्होंने कहा कि यहां सभी छह सीटों पर भाजपा ही जीतेगी। वे खुद भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन और प्रचार में साथ-साथ उपस्थित हो रही है। मंगलवार को उन्होंने खुद को भाजपा का कार्यकर्ता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर विश्वास जताया। अपने पिता के भाजपा छोड़ने के बाद पहली बार बदायूं पहुंचीं संघमित्रा मौर्या आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के लोगों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहीं। बदायूं में दूसरे चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है।

उन्होंने कहा कि बदायूं जिले की सभी छह सीटों पर भाजपा विजयी होगी। उन्होंने कहा, “मैं एक भाजपा कार्यकर्ता हूं और मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।” पत्रकारों के इस सवाल पर कि आपके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य कह रहे है, कि भाजपा में पिछड़ों और दलितों का सम्मान नही है, उन्होंने जवाब दिया कि यह बात प्रधानमंत्री मोदी जी तक पहुंच गई है और वह इसका समाधान करेंगे।

संघमित्रा मौर्या ने अपने और अपर्णा यादव के बारे में खुद के द्वारा फेसबुक पर किये गये पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा,‘‘ मैंने उसमे यह लिखा था कि बहन और बेटियों की जाति और धर्म कब से होने लगाी। यह मैंने फेसबुक पर मौजूद उन लोगों से कहा था जो बिन मांगे सलाह देते रहते हैं।’’

पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर उनसे फेसबुक पर काफी सवाल पूछे गये थे। उन्होंने पोस्ट में पूछा था, “क्या इसे ‘वर्ग’ से भी जोड़ा जाना चाहिए कि बेटी (मौर्य) पिछड़ी और बहू (बिष्ट) ऊंची जाति की है।”