उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 11 जिलों की 58 सीटों पर वोटिंग समाप्त हो गई। वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक हुई, जिसमें शाम 6 बजे तक 60.17 फीसदी मतदान हुआ है। चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी के कारण वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया था। सुबह मतदान शुरू के बाद वोटिंग की रफ्तार धीमी थी लेकिन दिन चढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत (UP Election Voting Percentage 2022) धीरे-धीरे बढ़ने लगा। शामली में शाम 6 बजे तक सबसे अधिक 69.42 फीसदी मतदान हुआ है।

चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर में औसतन 65.34 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं, मेरठ में 60.91 फीसदी, बागपत में 61.35 फीसदी, गाजियाबाद में 54.77 फीसदी और हापुड़ में 60.50 फीसदी मतदान हुआ।

शाम 6 बजे तक 60.17 फीसदी मतदान: दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर में 56.73 फीसदी मतदान हुआ। बुलंदशहर में 60.52 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। इसके अलावा, अलीगढ़ में 60.49 फीसदी, मथुरा में 63.28 फीसदी और आगरा में 60.33 प्रतिशत औसत मतदान हुआ। सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू होने के बाद कुछ जगहों पर ईवीएम में खराबी की शिकायतें भी आईं।

कुछ जगहों पर आईं EVM में खराबी की शिकायतें: ईवीएम में खराबी की शिकायतों के बाद उन इलाकों में कुछ देर के लिए मतदान प्रभावित हुआ। इसको लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से बयानबाजी भी देखने को मिली। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर ट्वीट किया, “चुनाव आयोग से अपील है और साथ ही ये अपेक्षा है कि जहां भी EVM ख़राब होने या जानबूझकर मतदान धीमे कराए जाने के आरोप लग रहे हैं, उन मतदान केंद्रों पर वो तत्काल यथोचित कार्रवाई करे। सुचारू और निष्पक्ष मतदान चुनाव आयोग की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है।”

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने क्या कहा?: वहीं, अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ईवीएम में खराबी की शिकायतों पर कहा कि संबंधित जिलाधिकारी से इस मामले को देख कर उचित एक्शन लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि 30 मिनट के अंदर इन खामियों को दुरुस्त कर दिया गया। ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कहा कि कुछ जगहों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी की शिकायत आई, जिसके बाद उन मशीनों को बदल दिया गया।

सपा ने वोटरों को धमकाने का आरोप लगाया: दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी लगातार वोटिंग के दौरान शिकायत दर्ज कराती रही। सपा ने चुनाव आयोग से कैराना विधानसभा के कुछ मतदान केंद्रों पर गरीब मतदाताओं को डरा-धमका कर वापस भेजे जाने की शिकायत की। इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने निर्वाचन आयोग और शामली के डीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया “शामली जिले की कैराना-8 विधानसभा के ग्राम डुंडुखेड़ा के बूथ संख्या 347, 348, 349 और 350 पर गरीब वर्ग के मतदाताओं को डरा-धमका कर लाइनों से हटा वापस भेजा जा रहा है। तत्काल संज्ञान ले कार्रवाई कर सुचारू, भयमुक्त, निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करे चुनाव आयोग।”

योगी सरकार के मंत्रियों की किस्मत EVM में बंद: इस चुनाव में कई बड़े चेहरों की किस्मत आज ईवीएम में बंद हो गई। इन नामों में योगी सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण भी हैं। 58 सीटों पर हुए मतदान में 623 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है।, जिनमें 73 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं।

वहीं, आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी बिजनौर में होने के कारण अपना वोट नहीं डाल सके। वे मथुरा के वोटर हैं। इसको लेकर भाजपा ने उनपर तंज भी किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे परिवारवाद की ठसक और घमंड करार दिया।

समीकरण की बात करें तो, पश्चिमी यूपी के इन जिलों में जाटों की संख्या अधिक है। यहां जाट-मुस्लिम समीकरण कई सीटों पर निर्णायक साबित हो सकता है। दूसरी तरफ, इस इलाके में किसान भी बड़ी संख्या में हैं। गुरुवार को पहले चरण में शामली, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों में मतदान हुआ है।

2017 में 58 में से 53 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी: चुनाव आयोग ने पहले चरण में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। दूसरी तरफ, कोरोना महामारी को देखते हुए पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनर, हैण्ड सैनीटाइजर, ग्लव्स, फेस मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, साबुन, पानी आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गई है। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी वहां पर इंतजाम किए गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण में 2.28 करोड़ मतदाता हैं जिनमें 1.24 करोड़ पुरूष, 1.04 करोड़ महिला तथा 1448 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थी। इसके अलावा जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को एस सीट पर जीत मिली थी।